उरी हमले में शहीद हुए राज किशोर का शव आज सुबह उनके पैतृक गांव लाया गया. उनका शव गांव में पहुंचते ही माहॉल गमहीन हो गया. इससे पहले कल दानापुर में शहीद राज किशोर के शव को तीन बजे लाया गया. यहां दानापुर रेजिमेंट के अधिकारियों एवं जवानों ने उन्हें सलामी दी. शुक्रवार को सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि शनिवार सुबह पांच बजे शहीद राज किशोर के पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के पीपरपांती गांव ले जाया जायेगा, जहां उनका अंतिम दर्शन लोग कर सकेंगे.
पति की चिंता कंचन को बार-बार बेहोश किये जा रही थी. दो मासूम बेटे तथा बेटी का रो-रोकर बुरा हाल था. सिसकियां लेते हेमंत अपनी छोटी बहन सुहानी से लिपट कर मां के पास खड़ा था. मासूमों को मुहल्ले के लोग संभाल रहे थे. शहीद राज किशोर की पत्नी कंचन देवी ने पति की मौत की खबर सुनने के बाद से न खाना खाया और न पानी पिया. परिवार के लोग जिंदगी बचाने के लिए बेहोश कंचन को ड्राप्स से पानी पिला रहे थे.
शनिवार को शहीद राजकिशोर का शव पैतृक गांव पहुंचा. शहीद के पैतृक गांव पीपरपांती में लोगों को अंतिम दर्शन कराने के बाद महुली घाट पर उनका दाह संस्कार किया जायेगा. इस दौरान सेना और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे. इसके बाद शहीद के परिजनों को जिला प्रशासन के अधिकारी द्वारा चेक दिया जायेगा.
पति की चिंता कंचन को बार-बार बेहोश किये जा रही थी. दो मासूम बेटे तथा बेटी का रो-रोकर बुरा हाल था. सिसकियां लेते हेमंत अपनी छोटी बहन सुहानी से लिपट कर मां के पास खड़ा था. मासूमों को मुहल्ले के लोग संभाल रहे थे. शहीद राज किशोर की पत्नी कंचन देवी ने पति की मौत की खबर सुनने के बाद से न खाना खाया और न पानी पिया. परिवार के लोग जिंदगी बचाने के लिए बेहोश कंचन को ड्राप्स से पानी पिला रहे थे.
शनिवार को शहीद राजकिशोर का शव पैतृक गांव पहुंचा. शहीद के पैतृक गांव पीपरपांती में लोगों को अंतिम दर्शन कराने के बाद महुली घाट पर उनका दाह संस्कार किया जायेगा. इस दौरान सेना और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे. इसके बाद शहीद के परिजनों को जिला प्रशासन के अधिकारी द्वारा चेक दिया जायेगा.
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