हैदराबाद के श्रीनिवास कुचिभोटला की अमेरिका में गोली मारकर हत्या - Indian shot dead at bar in kansas in us

वाशिंगटन: हैदराबाद के रहने वाले 32 साल के श्रीनिवास कुचिभोटला की अमेरिका में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बुधवार की रात अमेरिका के कनसास शहर के बार में श्रीनिवास अपने दोस्त आलोक मदसानी के साथ बैठे थे. तब अचानक 51 साल के एक रिटायर्ड नौसैनिक ने यह कहते हुए उन दोनों पर गोली चलाई कि 'निकल जाओ मेरे देश से..'

इस हमले में श्रीनिवास की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं 32 साल के इंजीनियर आलोक गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है. इस हादसे को रोकने के लिए 24 साल के ईयान ग्रिलोट बीच में आए लेकिन हमलावर ने उसे भी नहीं छोड़ा और गोली मार दी. हालांकि उम्मीद है कि वह बच जाएंगे.

हुआ यूं था कि श्रीनिवास और आलोक काम के बाद कनसास में पास ही के एक बार में बैठे हुए थे. तब अचानक शूटर ऐडम पुरिनटोन चिल्लाते हुए वंशीय टिप्पणी करने लग गए. बताया जा रहा है कि उन्होंने इन दोनों भारतीयों को 'मिडल ईस्टर्न' (मध्य-पूर्वी) कहकर बुलाया और कई गोलियां चलाने से पहले चिल्लाकर कहा कि 'निकल जाओ मेरे देश से..'

हमले के बाद पुरिनटोन बार से भाग गए और पांच घंटे बाद उन्हें पकड़ लिया गया. श्रीनिवास, अमेरिकी मल्टीनेश्नल कंपनी गार्मिन इंटरनेश्नल में काम करते हैं जो जीपीएस सिस्टम बनाती है. वह 2014 में इस कंपनी में शामिल हुए थे और उनकी पत्नी सुनयना दुमाला भी कनसास में ही एक टैक्नॉलोजी कंपनी में काम करती हैं.

गार्मिन की ओर से जारी एक बयान में इस हादसे पर अफसोस व्यक्त किया गया है और कहा गया है कि वह इन कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए काउंस्लर उपलब्ध करवाएगी. श्रीनिवास के फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्होंने हैदराबाद की जवाहरलाल नेहरू टैक्नॉलोजिकल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी और आगे की पढ़ाई के लिए वह टेक्सस चले गए थे. पीड़ितों के परिवार की मदद के लिए भारतीय दूतावास ने कनसास में अपने दो अधिकारियों को भेजा है. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है कि वह कनसास की गोलीबारी में श्रीनिवास की हत्या से सकते में हैं.

उन्होंने लिखा कि पीड़ित के परिवार को हर तरह की मदद दी जाएगी. श्रीनिवास के शव को भारत लाने के लिए GoFundMe वेबसाइट ने मुहिम शुरू की है. आठ घंटे में इस पेज ने श्रीनिवास के लिए 150,000 डॉलर के गोल को पार कर लिया है और करीब 200,000 डॉलर इकट्ठे कर लिए हैं.

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