यह बात अलग है कि के टी के पास आने वाले ग्राहक काफी अमीर भी थे और इनमें से ज्यादातर नेता ही थे. जैसे कि 63 साल के मल्ला रेड्डी जो खुद कभी कॉलेज नहीं गए लेकिन राज्य में उनके इंजीनियर कॉलेजों की एक चेन है. रेड्डी विरोधी दल टीडीपी की टिकट पर सासंद चुने गए थे जिन्होंने पिछले साल पाला बदल लिया था. इन्होंने रामा राव के इस 'एक घंटे' के पार्लर से बिना किसी शिकायत के पांच लाख की आइसक्रीम खरीदी.
बता दें कि आंध्रा-तेलंगाना बेल्ट के सांसद और विधायक देश के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं. 2014 में मल्ला रेड्डी ने 48 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की थी. जहां तक शारीरिक श्रम करके पार्टी के लिए पैसा जुटाने की बात है तो आने वाले एक हफ्ते में ऐसी कुछ और गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. मुख्यमंत्री केसीआर ने इस हफ्ते को 'गुलाबी कुली दिन' (Pink Labourer Days) का नाम दिया है.
वैसे वेंकटेश्वर देवता की मूर्ति के लिए जनता के दिए गए टैक्स से 5.5 करोड़ रुपये की रकम खर्च करने वाले केसीआर की यह पहल काफी कौतूहल का विषय बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि शीरीरिक श्रम करके पार्टी नेता दो दिन के अंदर जो पैसा कमाएंगे उसे 21 अप्रैल को तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) के वार्षिक आयोजन में खर्च किया जाएगा. इसके बाद अगले शुक्रवार वारंगल में एक जनसभा का आयोजन भी किया जाएगा.
केसीआर ने बताया कि उनकी पार्टी ने पहले ही सदस्यता फीस के जरिए 35 करोड़ रुपये इकट्ठे कर लिए हैं जो कि पार्टी के बैंक अकाउंट में पहुंच रहे हैं. यह आंकड़ा उन 8.9 करोड़ रुपये से चार गुना ज्यादा है जिसकी घोषणा टीआरएस ने 2015-16 की रकम के तौर पर चुनाव आयोग के सामने की थी. 2015 में पार्टी ने 24.6 करोड़ रुपये अपनी आय बताई थी. जमा किए गए दस्तावेजों के मुताबिक दोनों ही सालों में पार्टी ने कमाए गए पैसे की एक एक पाई को खर्च किया था.
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