आगामी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए मिस्र, केन्या, ताजिकिस्तान, मेक्सिको और थाईलैंड को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया चीन ने - china called five countries as guests for brics summit

बीजिंग : चीन ने आगामी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए मिस्र, केन्या, ताजिकिस्तान, मेक्सिको और थाईलैंड को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया है लेकिन यह स्पष्ट भी कर दिया है कि यह निमंत्रण उसके ‘ब्रिक्स प्लस’ रूख के तहत समूह को विस्तार देने का प्रयास नहीं है. चीन तीन सितंबर से पांच सितंबर तक शियामेन शहर में ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इस सम्मेलन में पांच देशों के नेता हिस्सा लेंगे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.


चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यहां मीडिया को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन के बारे में संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें ब्रिक्स प्लस के बारे में और अधिक व्याख्या करने की जरूरत है ताकि लोग इसके पीछे के तर्क को अच्छी तरह समझ पाएं.’’ वांग इस साल मार्च से ही ‘ब्रिक्स प्लस’ के रूख का प्रचार कर रहे हैं, जिससे ये कयास लगने लगे कि चीन उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ब्लॉक के विस्तार पर विचार कर रहा है.


वांग ने ‘ब्रिक्स प्लस’ की व्याख्या करते हुए कहा कि सदस्य देश वार्षिक सम्मेलनों के दौरान अलग-अलग देशों को आमंत्रित करते रहे हैं. उन्होंने पिछले साल गोवा में आयोजित सम्मेलन में बिमस्टेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) के नेताओं को भी आमंत्रित किया था. बांग्लादेश, भारत, म्यांमा, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल बिमस्टेक के सदस्य हैं.



गोवा सम्मेलन का संदर्भ देते हुए वांग ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी बिम्सटेक के नेताओं के साथ हुई वार्ता में शिरकत की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का सम्मान और समर्थन किया था. चीन के ‘ब्रिक्स प्लस’ सिद्धांत की व्याख्या से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘वह वार्ता बहुत प्रभावी थी.’’ उनसे पूछा गया था कि चूंकि समूह आम सहमति पर निर्णय लेता है, तो क्या इसे सभी सदस्यों का समर्थन प्राप्त है? वांग ने रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का भी हवाला दिया, जिन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी करने के दौरान अपने पड़ोसी देशों को आमंत्रित किया था.


पांच देशों को आमंत्रित किए जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘असल में यह प्रथा वर्षों से चली आ रही है. ब्रिक्स नेताओं की पिछली बैठकों के अनुभवों से प्रेरित होकर हमने कुछ देशों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा कदम थोड़ा सा अलग है. हम सिर्फ अपने पड़ोसी देशों को नहीं बुला रहे, बल्कि दुनिया के उन देशों को भी बुला रहे हैं, जो ब्रिक्स की प्रणाली में रूचि रखते हैं. कुल पांच देशों को आमंत्रित किया गया है.’’ वांग ने कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इस साल की इस व्यवस्था का यह अर्थ कतई नहीं है कि ये पांच देश भविष्य में हमेशा ब्रिक्स की बैठकों में बुलाए जाएंगे.’’ वांग ने कहा कि चीन की ओर से पांच देशों को भेजे गए निमंत्रण का भारत समेत चार अन्य देशों के नेताओं ने समर्थन किया है.
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment