बिल्कुल अलग अंदाज में कार्यभार संभाला स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने - ashwini kumar choubey performed worship while taking charge

नई दिल्ली: मोदी सरकार के नए मंत्री अपने-अपने महकमों का कामकाज संभाल रहे हैं. सोमवार को ज़्यादातर मंत्रियों ने पदभार संभाल लिया. सुरेश प्रभु की जगह पीयूष गोयल ने रेल मंत्री का पदभार संभाल लिया है. मजेदार बात यह रही कि खुद सुरेश प्रभु इस मौके पर उपस्थित हुए. उन्होंने पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय संभालने पर बधाई दी. उधर, सुरेश प्रभु ने वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री का कामकाज संभाल लिया है. धर्मेन्‍द्र प्रधान ने पेट्रोलियम एवं प्रकृति गैस मंत्री एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री का कार्यभार संभाला. हालांकि बहुचर्चित बदलाव रक्षा मंत्रालय का जिम्मा अभी निर्मला सीतारमण ने नहीं संभाला है.

मोदी सरकार के अन्य मंत्रियों की तुलना में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री बनाए गए अश्विनी कुमार चौबे ने बिल्कुल अलग अंदाज में कार्यभार संभाला. निर्माण भवन में स्वास्थ्य मंत्रालय में अपने नए दफ्तर में पहुंचते ही सबसे पहले भगवान की ही नहीं, कुर्सी-टेबल दफ़्तर सबकी पूजा की.



उधर, मोदी मंत्रिमंडल के पूरे कामकाज पर सहयोगी शिवसेना ने तीखा हमला किया. मुख्यपत्र सामना में लिखा गया, "मोदी सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए लेकिन मंत्रिमंडल में प्रयोग अब भी जारी हैं. लोग अब भी अच्छे दिनों के चमत्कार की राह देख रहे हैं. बिहार, असम, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, जैसे राज्यों में बाढ़ की तबाही है और सरकारी अस्पतालों में मौतें ख़त्म नहीं हो रहीं. किस मंत्रालय ने कौन सी समस्या हल कर दी?"



ये उम्मीद जेडीयू को भी थी कि उसे फेरबदल में जगह मिलेगी. रविवार को जेडीयू महासचिव ने ये उम्मीद जता भी दी थी जब उन्होंने NDTV से कहा था, "नीतिश सरकार में बीजेपी की सम्मानजनक हिस्सेदारी के बाद बिहार के लोगों को उम्मीद थी कि जेडी-यू के प्रतिनिधि भी मोदी सरकार में शामिल होंगे, लेकिन ये विस्तार सिर्फ बीजेपी तक ही सीमित रहा".



इस फेरबदल की वजह से कम से कम अपने सबसे पुराने और सबसे नए दो सहयोगियों के साथ बीजेपी के रिश्ते बदल गए हैं- ये दिख रहा है. अब प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष की चुनौती इन दलों को समझाबुझा कर अपने साथ बनाए रखने की होगी.
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