पिछले दिनों ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि जब उनके नाम का ऐलान प्रधानमंत्री के तौर पर हुआ तो वह खुद हैरान थे क्योंकि प्रणब मुखर्जी उनसे अधिक योग्य व्यक्ति थे। इस पर प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वह इसलिए पीएम नहीं बन सके क्योंकि वह हिंदी में कमजोर थे। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह अच्छे पीएम रहे, लेकिन मैं इसलिए नहीं बन सका क्योंकि मैं जनता की भाषा यानी हिंदी में कमजोर था।
प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'डॉक्टर साहिब (मनमोहन सिंह) हमेशा बहुत अच्छे विकल्प रहे। निसंदेह वह बहुत अच्छे पीएम थे। मैं तब भी कहा था और बाद में भी कि कांग्रेसियों में पीएम के तौर पर सबसे अच्छे विकल्प मनमोहन सिंह ही थे। मैं पीएम के तौर पर उपयुक्त नहीं था क्योंकि मैं हिंदी में कमजोर होने के चलते जनता के साथ संवाद नहीं कर सकता था। कोई भी व्यक्ति जनता से संवाद करने की भाषा में सक्षम न होने पर पीएम नहीं बना सकता, जब तक कि कोई अन्य राजनीतिक कारण न हों।'
प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'डॉक्टर साहिब (मनमोहन सिंह) हमेशा बहुत अच्छे विकल्प रहे। निसंदेह वह बहुत अच्छे पीएम थे। मैं तब भी कहा था और बाद में भी कि कांग्रेसियों में पीएम के तौर पर सबसे अच्छे विकल्प मनमोहन सिंह ही थे। मैं पीएम के तौर पर उपयुक्त नहीं था क्योंकि मैं हिंदी में कमजोर होने के चलते जनता के साथ संवाद नहीं कर सकता था। कोई भी व्यक्ति जनता से संवाद करने की भाषा में सक्षम न होने पर पीएम नहीं बना सकता, जब तक कि कोई अन्य राजनीतिक कारण न हों।'
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