गुजरात के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत द्वारकाधीश मंदिर में पूजा अर्चना से की पीएम नरेंद्र मोदी ने - modi visit meet friend after dwarkadhish mandir

पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं. गुजरात पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत द्वारकाधीश मंदिर में पूजा अर्चना से की. वहीं द्वारकाधीश मंदिर से निकलने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का काफिला अचानक रूक गया. इसके बाद मोदी खुद गाड़ी से निकले और एक बुजुर्ग से मिले.


बुजुर्ग ने बताया कि उनका नाम हरि‍भाई है और वह पुराने आरएसएस कार्यकर्ता रहे हैं. हाल ही मैं उनकी पत्नी की मौत हो गई है और इस बात की जानकारी पीएम मोदी को थी. पीएम मोदी ने उन्हें सांत्वना दिया. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी उनके पुराने दोस्त हैं और बीजेपी की स्थापना समारोह में भी शामिल हुए थे.


हरिभाई ने बताया कि दोनों 52 साल से दोस्त रहे हैं. हरिभाई खुद गुजरात में संघ प्रचारक रह चुके हैं. पीएम मोदी ने काफिला रोककर काफी देर तक हरिभाई और अन्य लोगों से बात की. हरिभाई के अनुसार वह मोदी के साथ संघ प्रचारक थे. दोनों साथ ही रहते थे. उन्होंने संघ के कार्यक्रमों में साथ भाग लिया है.


सूरत में रुकवाई थी, जब मोदी ने अपना काफिला रोक दिया था. दौरे के दौरान जब उनका काफिला गुजर रहा था तो एक 4 साल की बच्ची सड़क के बीच उनकी गाड़ी के पास आ गई. यह देख पीएम मोदी ने अचानक काफिले को रुकवाया और बच्ची से मुलाकात की थी. इस बीच बच्ची के पिता सामने खड़े होकर दोनों की तस्वीरें खींचते रहे.


इस दौरे में प्रधानमंत्री रविवार सुबह वडनगर जाएंगे और इंद्रधनुष मिशन की शुरुआत करेंगे. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों को टैबलेट वितरित करने का भी उनका कार्यक्रम है. मोदी रविवार दोपहर को ही भरूच जाएंगे जहां वह नर्मदा नदी पर बने नए बैराज के निर्माण की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ उधाना और जयनगर (बिहार) के बीच चलने वाली अंत्योदय एक्स्रपेस को हरी झंडी दिखाएंगे. दिल्ली वापस आने से पहले एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.


प्रधानमंत्री के पांच भाई बहनों में सबसे बड़े भाई सोमाभाई दामोदर दास मोदी ने बताया है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार वडनगर आ रहे हैं और इसको लेकर बडनगर और आसपास के गांव बादरपुर, मोलीपुर समेत इस पूरे इलाके में खासा उत्साह है. वे देश की सेवा में लगे हैं और हम सभी का आर्शीवाद उनके साथ है. उन्होंने बताया कि वडनगर में उनके पिताजी ने 1949 में मकान बनाया था लेकिन उसके बगल से नगरपालिका की पाइप गुजरती थी, उसके लीकेज के कारण मकान को क्षति पहुंची और फिर 2001 के भूकंप के दौरान नुकसान हुआ. वह घर जर्जर हो गया था, इसलिये हमने उसे बेच दिया.
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