नई दिल्ली: गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पाटीदार समिति और कांग्रेस के बीच बातचीत बिगड़ गई है. चुनाव में पाटीदार नेताओं को टिकट और पाटीदारों को आरक्षण देने के प्रस्तावित फॉर्म्यूले को लेकर पाटीदार समिति और कांग्रेस के बीच दिल्ली में अहम बैठक थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं द्वारा कथित रूप से नजरअंदाज किए जाने से नाराज पटेल नेताओं ने कांग्रेस को 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है. जानकारी के मुताबिक पटेल नेताओं ने 30-35 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए जाने की मांग की थी. लेकिन सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं हुई.
शुक्रवार को कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पाटीदार नेताओं से बातचीत की. इस बातचीत के बाद पाटीदार नेताओं में नाखुशी दिखी. देर रात पाटीदार नेताओं ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. हार्दिक पटेल के प्रतिनिधि दिनेश बमभानिया ने कांग्रेस पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. दिनेश बमभानिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमें मिलने के लिए बुलाया लेकिन पूरे दिन हमें मिलने का वक्त नहीं दिया. कांग्रेस ने हमारी बेइज्जती की है. सूत्र बताते हैं कि पाटीदार नेताओं की रणनीति ज्यादा से ज्यादा सीट मांगने के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाना है. अब देखना होगा कि आगे की राह कैसे तैयार होती है.
बता दें कि पाटीदार समिति ने गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन इसके लिए कांग्रेस के सत्ता में आने पर समुदाय के लिए संवैधानिक रूप से आरक्षण का दर्जा देने सहित कुछ अन्य मांगें की थीं.
शुक्रवार को कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पाटीदार नेताओं से बातचीत की. इस बातचीत के बाद पाटीदार नेताओं में नाखुशी दिखी. देर रात पाटीदार नेताओं ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. हार्दिक पटेल के प्रतिनिधि दिनेश बमभानिया ने कांग्रेस पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. दिनेश बमभानिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमें मिलने के लिए बुलाया लेकिन पूरे दिन हमें मिलने का वक्त नहीं दिया. कांग्रेस ने हमारी बेइज्जती की है. सूत्र बताते हैं कि पाटीदार नेताओं की रणनीति ज्यादा से ज्यादा सीट मांगने के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाना है. अब देखना होगा कि आगे की राह कैसे तैयार होती है.
बता दें कि पाटीदार समिति ने गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन इसके लिए कांग्रेस के सत्ता में आने पर समुदाय के लिए संवैधानिक रूप से आरक्षण का दर्जा देने सहित कुछ अन्य मांगें की थीं.
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