आधार चोरी होने की खबर के बाद तुरंत एक्शन लिया UIDAI ने - aadhar data leak uidai action restricted officials

नई दिल्ली: आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी चोरी होने की खबर सामने आने के बाद आधार अथॉरिटी UIDAI ने तुरंत एक्शन ले लिया था. आधार अथॉरिटी ने अखबार में आधार डाटा चोरी होने  की खबर आते ही डाटा तक पहुंच का अध‍िकार रखने वाले अध‍िकारियों को इससे रोक दिया. रिपोर्ट के मुताबिक कुल ऐसे 5 हजार अध‍िकारियों की आधार डाटा तक पहुंच रोक दी गई.

दरअसल 4 जनवरी को ऐसी रिपोर्ट आई थी कि महज 500 रुपये में करोड़ों आधार की डिटेल मिल रही है. इस खबर के सामने आते ही UIDAI ने सुरक्षात्मक उपाय किए. इसके तहत उसने उन सभी निजी और सरकारी अध‍िकारियों को आधार डाटा एक्सेस करने से रोक दिया, जिन्हें सीमित एक्सेस दी गई थी. इकोनॉमिक टाइम्स ने एक सरकारी अध‍िकारी के हवाले से यह बात कही है.

दरअसल इससे पहले UIDAI ने कुछ अध‍िकारियों को आधार डाटा के लिए सीमि‍त एक्सेस दी हुई थी. इसके तहत संबंध‍ित अध‍िकारी सिर्फ आधार से जुड़ी डेमोग्राफिक डिटेल ही देख सकता था. उसे आधार होल्डर का नाम, पता, जन्मतारीख व अन्य जानकारी तक ही एक्सेस होती थी. इसके लिए उसे सिर्फ 12 अंकों का आधार कार्ड नंबर एंटर करना पड़ता था.

अधि‍कारी ने बताया कि इसके बाद UIDAI ने व्यवस्था में बदलाव किया और एक्सेस फिंगरप्र‍िंट देने के बाद ही मिलती है. इसकी वजह से लोगों को आधार डिटेल अपडेट में होने में जरूर समय लग रहा होगा, लेकिन यह डाटा लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अहम है. UIDAI ने सफाई दी है कि आधार डाटा सुरक्ष‍ित है और उसके सिस्टम में कोई खराबी नहीं है.

उसने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करवा दी है. विवाद के बाद UIDAI की ओर से दिल्ली पुलिस में खबर करने वाली पत्रकार रचना खेड़ा पर एफआईआर दर्ज करने की खबरें भी आई थीं. हालांकि, इस मामले में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार मीडिया की आज़ादी के पक्ष में है, जो एफआईआर दर्ज की गई है वह अज्ञात व्यक्ति के नाम पर दर्ज की गई है.

इससे पहले आधार अथॉरिटी UIDAI ने आधार डाटा लीक होने की आशंका से इनकार किया था. अथॉरिटी ने मीडिया रिपोर्ट को खारिज किया था और कहा था कि रिपोर्ट में तत्थ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है. अथॉरिटी ने एक बार फिर भरोसा दिलाया कि आधार डिटेल सुरक्षित है और किसी भी तरह का डाटा लीक नहीं हुआ है.



अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून ने एक रिपोर्ट छापी थी. इसमें दावा किया जा रहा था कि उन्होंने एक व्हाट्सऐप ग्रुप से मात्र 500 रुपये देकर सर्विस खरीदी और 100 करोड़ आधार कार्ड की डिटेल पर उन्हें एक्सेस मिल गया.



इस पर सफाई जारी करते हुए UIDAI ने गुरुवार को एक बयान जारी क‍िया. इसमें उन्होंने बताया कि आधार की ये सुविधा श‍िकायतों के निवारण के लिए सिर्फ कुछ संबंधित अध‍िकारियों और राज्य सरकार के अध‍िकारियों को दी गई है. ये लोग सिर्फ आधार नंबर डालकर आधार से जुड़ी शंकाओं को दूर करने का काम करते हैं.

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