नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दूसरे भारत-कोरिया बिजनेस समिट को संबोधित किया. समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरिया की कंपनियों का इतनी बड़ी संख्या में आना काफी बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि एक भारतीय राजकुमारी कोरिया गई थी और वहां पर रानी बनी थी. इसके अलावा बुद्ध, रविंद्र नाथ टैगोर के कारण भी भारत और साउथ कोरिया के संबंध इतने अच्छे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैंने साउथ कोरिया का दौरा किया था. उस दौरान मैं सोचता था कि किस तरह एक छोटा देश इतनी तेजी से विकास कर सकता है. 500 से अधिक कोरिया की कंपनी भारत में काम कर रही हैं. कोरिया के निवेशकों के लिए भारत एक बड़ा अवसर है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में कुछ ही देश हैं जहां पर डेमोक्रेसी, डिमांड और डेमोग्राफी एक साथ मौजूद हो. भारत ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में काफी सुधार किया है, अब हमारा लक्ष्य ईज़ ऑफ लिविंग के क्षेत्र में सुधार का है. हमारी सरकार ने निवेश को बढ़ाने और निवेश करने में कोई मुश्किल ना हो इस पर फोकस किया है.
उन्होंने कहा कि अब एफडीआई में सीधे सरकार से इजाजत नहीं लेनी पड़ती है, सिर्फ डिफेंस सेक्टर में ही सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है. हमारी सरकार ने जीएसटी को लागू किया, जिससे देश के अंदर व्यापार को आसान किया जा रहा है. हमारी सरकार ने पिछले 3 साल में एक हजार से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया है, जो किसी काम के नहीं थे.
पीएम ने कहा कि भारत आज के समय में दुनिया की सबसे अच्छा इनवेस्ट करने वाला देश है. हम देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य जीरो डिफेक्ट की नीति पर है. भारत की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री और कोरिया की आईटी सेक्टर एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं.
पीएम मोदी के अलावा इस समिट में वित्तमंत्री अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, रविशंकर प्रसाद समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे. इस समिट की थीम “India-Korea: Scaling up the Special
इस कार्यक्रम का आयोजन कॉमर्स मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जिसे सीआईआई के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. इस समिट में करीब 200 से अधिक बिजनेस डेलिगेट के अलावा कोरिया के कई नेता भी शामिल हुए. गौरतलब है कि भारत और साउथ कोरिया एशिया के बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं. भारत और साउथ कोरिया के बीच करीब 16.8 बिलियन यूएस डॉलर का कारोबार है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैंने साउथ कोरिया का दौरा किया था. उस दौरान मैं सोचता था कि किस तरह एक छोटा देश इतनी तेजी से विकास कर सकता है. 500 से अधिक कोरिया की कंपनी भारत में काम कर रही हैं. कोरिया के निवेशकों के लिए भारत एक बड़ा अवसर है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में कुछ ही देश हैं जहां पर डेमोक्रेसी, डिमांड और डेमोग्राफी एक साथ मौजूद हो. भारत ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में काफी सुधार किया है, अब हमारा लक्ष्य ईज़ ऑफ लिविंग के क्षेत्र में सुधार का है. हमारी सरकार ने निवेश को बढ़ाने और निवेश करने में कोई मुश्किल ना हो इस पर फोकस किया है.
उन्होंने कहा कि अब एफडीआई में सीधे सरकार से इजाजत नहीं लेनी पड़ती है, सिर्फ डिफेंस सेक्टर में ही सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है. हमारी सरकार ने जीएसटी को लागू किया, जिससे देश के अंदर व्यापार को आसान किया जा रहा है. हमारी सरकार ने पिछले 3 साल में एक हजार से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया है, जो किसी काम के नहीं थे.
पीएम ने कहा कि भारत आज के समय में दुनिया की सबसे अच्छा इनवेस्ट करने वाला देश है. हम देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य जीरो डिफेक्ट की नीति पर है. भारत की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री और कोरिया की आईटी सेक्टर एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं.
पीएम मोदी के अलावा इस समिट में वित्तमंत्री अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, रविशंकर प्रसाद समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे. इस समिट की थीम “India-Korea: Scaling up the Special
इस कार्यक्रम का आयोजन कॉमर्स मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जिसे सीआईआई के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. इस समिट में करीब 200 से अधिक बिजनेस डेलिगेट के अलावा कोरिया के कई नेता भी शामिल हुए. गौरतलब है कि भारत और साउथ कोरिया एशिया के बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं. भारत और साउथ कोरिया के बीच करीब 16.8 बिलियन यूएस डॉलर का कारोबार है.
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