रेतीले मिट्टी से सैंपल लेकर मोसुल में दफन भारतीयों का हुआ डीएनए टेस्ट - 39 indians bodies buried in badosh village in iraq for last four year

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्य सभा में ये जानकारी दी कि इराक के मोसुल से करीब चार साल पहले अगवा हुए 39 भारतीय मारे गए हैं. अब इसके साफ सबूत मिल चुके हैं. चार साल से मोसुल में दफन भारतीयों के DNA अब इसी रेतीले मिट्टी से सैंपल लेकर परिवार वालों से मैच कर पता लगा कि चार साल पहले किस बेरहमी से IS के आतंकियों ने उनका कत्ल किया है.


मंगलवार को इराक़ी प्रशासन ने इस बात की पुष्टि कर दी कि पिछले साल जो शव एक सामूहिक कब्र में मिले थे वो उन्हीं भारतीय मज़दूरों के थे, जिन्हें 2014 में आइसिस ने मोसुल में बंधक बनाया था. ये शव मोसुल के उत्तर-पश्चिम में बादोश गांव के नज़दीक दफ़्न पाए गए. ये वही इलाका है, जिस पर पिछले साल जुलाई में इराकी बलों ने अपना क़ब्ज़ा जमाया था. इराक़ के शहीद संस्थान के प्रमुख ने इस बात की तस्दीक की कि 39 शवों में 38 की पहचान हो गई है.

इराक में प्रमुख शहीद संस्थान की नजीहा अब्दुल अमीर अल शिमारी ने सामूहिक कब्र विभाग को वादी एकाब में एक सामूहिक कब्र में 39 शव मिले, जिसमें से 38 की भारतीयों के तौर पर पहचान हुई.



मोसुल पर कब्‍जा करने के बाद आइसिस ने भारत के कुल 40 मजदूरों को बंधक बना लिया था, जिनमें से एक हरजीत मसीह भागने में कामयाब रहा. हरजीत मसीह ने कहा है कि वो लोग पकड़े जाने के कुछ दिनों बाद बाहर ले जाए गए, जहां उनको गोली मार दी गई. जिस इलाके में भारतीय लोगों की सामूहिक कब्र मिली वहीं आस पास दो और सामूहिक कब्रें भी मिलीं थीं.

टिप्पणिया जैसे ही सरकार ने 39 भारतीयों के मोसुल में मारे जाने की पुष्टि की, एक-दो नहीं, उनचालीस परिवार बिलख उठे. उनको ये भी लग रहा है कि सरकार ने उन्हें अंधेरे में रखा. अपनों के मारे जाने की ख़बर भी उन्होंने मीडिया के जरिए जानी.
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