राज्यसभा की 59 सीटों के लिए होगी वोटिंग - rajya sabha elections today

नई दिल्ली: आज संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी. अप्रैल में राज्यसभा की 59 सीटें खाली हो रही हैं, जिसकी वजह से 10 राज्यों के लिए 59 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिसमें एक उपचुनाव की सीट भी शामिल है. इनमें से आज महज 26 सीटों के लिए चुनाव होंगे, जिनमें एक उपचुनाव की सीट भी शामिल है. बाकि बचे 33 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया है. बीजेपी को इस राज्यसभा चुनाव से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि यह राज्यसभा में दर्जन भर सीटें लाकर राज्यसभा में बड़ी पार्टी बनने की फिराक में हैं, हालांकि, राज्यसभा में 245 सीटें बहुमत के लिए चाहिए होती हैं, जिससे बीजेपी अभी भी काफी दूर है. आज जिन राज्‍यों में चुनाव होने हैं उनमें उत्‍तर-प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, झारखंड,  केरल, छत्‍तीसगढ़ और तेलंगाना शामिल है. हालांकि, राज्यसभा चुनाव में सबकी नजरें उत्तर प्रदेश पर टिकी हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में 10 सीटें हैं और यहां एक सीट पर जबरदस्त लड़ाई देखने को मिल रही है. बहरहाल, राज्यसभा चुनाव की वोटिंग सुबह 9 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगी.

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए वोटिंग होगी. इनमें से बीजेपी के 8 उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है, वहीं सपा की एक सीट पक्की बताई जा रही है, मगर दसवीं सीट पर भाजपा और सपा समर्थित बसपा उम्मीदवार में जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है. यही वजह है कि राज्यसभा चुनाव काफी अहम हो गया है.

राज्यसभा चुनाव से कुछ समय पहले अपने वोट को पक्की करने के लिए समादवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने डिनर पर अपने विधायकों को बुलाया. इस डिनर मीटिंग में चाचा शिवपाल सिंह भी शामिल हुए. सपा दस में से एक सीट पर अपनी जीत को लेकर काफी सुनिश्चित दिख रही है. मगर एक भी बसपा को दिया वादा निभाने के बाद अगर उनकी एक भी सीट इधर-उधर होती है, तो मामला बिगड़ सकता है.

उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कोटे में 8 सीट पक्की है. मगर उसके कुछ वोट एक्स्ट्रा बच जा रहे हैं, जिसकी वजह से उसने एक निर्दलयी उम्मीदवार अनिल अग्रवाल को अपना समर्थन देकर इस चुनाव को और भी ज्यादा दिलचस्प बना दिया है.  एक राज्‍यसभा सीट पर जीत के लिए औसत 37 विधायकों के वोट की जरूरत है. इस लिहाज से देखा जाए तो यूपी की आठ सीटों पर वोट करने के बाद बीजेपी के पास 8 विधायकों के अतिरिक्त मत बच रहे हैं और उसे जीत के लिए सिर्फ नौ और मतों की जरूरत होगी. वहीं बसपा के पास 19 विधायक हैं, और बसपा के 19, सपा के 10, कांग्रेस के 7 और रालोद के 1 वोट को मिलाकर कुल 37 हो रहे हैं. बसपा को अगर ये सभी वोट कर देते हैं तो लगभग यह जीत के बराबर होगा, मगर बीजेपी इनमें से तोड़ने में कामयाब हो जाती है, तो फिर यह असंभव हो जाएगा.

बीजेपी समर्थित अनिल अग्रवाल के सामने सपा समर्थित बसपा के उम्मीदवार अंबेडकर हैं. मगर बीजेपी जिस तरह से समीकरण को साधने में जुटी है, अगर वह सफल हो जाती है, तो फिर बसपा के लिए मुसीबत बन जाएगी. हालांकि, बसपा, सपा के समर्थन से अभी भी कॉन्फिडेंट नजर आ रही है. आज होने वाले राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के आठ केंडिडेट में उत्तर प्रदेश से ही वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल हैं. वहीं सपा की ओर से जया बच्चन को टिकट दिया गया है और बसपा की ओर से भीम राव अंबेडकर को. लेकिन प्रतिष्ठा की लड़ाई तो भाजपा और बसपा-सपा में ही है.

पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की 5 सीटों के लिए 6 उम्मीदवार मैदान में हैं. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने चार उम्मीदवारों को मैदान में खड़ा किया है, वहीं कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को उतारा है. कांग्रेस और टीएमसी की जीत पक्की नजर आ रही है, मगर लेफ्ट अभी भी किसी चमत्कार के उम्मीद में है. यहां जरूरी वोटों की संख्या 50 है और टीएमसी के पास पर्याप्त है.

झारखंड राज्यसभा चुनाव में दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी ने अपने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने एक. कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा की 19 वोटों के समर्थन से जीत की उम्मीद कर रही है, वहीं, भाजपा किसी तरह से दोनों को अपने खाते में करने की जुगत में है. बता दें कि यहां जरूरी वोटों की संख्या 28 है.

उत्तर प्रदेश की तरह ही कर्नाटक में राज्यसभा का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि यहां की चार सीटों के लिए 5 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं. कर्नाटक राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से तीन कैंडिडेट हैं, तो वहीं भाजपा की तरफ से एक हैं और जनता दल सेक्यूलर की तरफ से एक.

छत्तीसगढ़ राज्यसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी के पास कांग्रेस को हराने के लिए पर्याप्त वोट है. मगर कांग्रेस को जीत के लिए 7 वोटों की और दरकार होगी. बता दें कि यहां जरूरी वोटों की संख्या 46 है, जबकि बीजेपी के पास 49 और कांग्रेस के पास 39 हैं.

तेलंगाना के पास राज्यसभा की 3 सीटें हैं. यहां टीआरएस के पास कम से कम 2 सीटें जीतने के लिए पर्याप्त वोट हैं. हालांकि, ओवैसी की पार्टी के सपोर्ट से यह तीसरी सीट भी जीतने की प्रबल दावेदार दिख रही है. कांग्रेस ने अपने एक उम्मीदवार को उतारा है.

केरल में एक सीट के लिए उपचुनाव होगा. एलडीएफ गठबंधन कीज जीत लभगभग तय मानी जा रही है. हालांकि, कांग्रेस गठबंधन ने भी अपने उम्मीदवार को उतारा है.
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