बेंगलुरु\नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी सहित राजनीति दलों ने पूरी तरह से कमर कस लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कर्नाटक दौरे के बाद अब बारी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की बारी है. शाह आज से कर्नाटक में दो दिवसीय दौरे पर हैं. वो लिंगायत और दलित समुदाय से जुड़े मठों का दौरा करेंगे.
बीजेपी ने बयान जारी कर बताया कि मठों का दौरा करने के अलावा शाह किसानों और व्यवसायियों की सभा को भी संबोधित करेंगे. इसके अलावा एक रोड शो निकालेंगे और पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.
शाह सोमवार को लिंगायत समुदाय के सिद्धगंगा मठ जाएंगे और वहां के संत का आशीर्वाद लेंगे. इसके बाद शिवामोग्गा में नारियल उत्पादकों के सम्मेलन में भाग लेंगे और राष्ट्रकवि कुवेम्पु के घर जाएंगे. मंगलवार को मदारा चेन्नैया मठ जाएंगे जो परंपरागत रूप से दलितों से जुड़ा हुआ है. शाह बेक्किनकल, सिरगेरे और मुरुगा सहित कई मठों का दौरा करेंगे.
सिद्धारमैया सरकार द्वारा लिंगायतों को अल्पसंख्यक धार्मिक समुदाय का दर्जा देने के निर्णय के बाद शाह पवित्र स्थलों का दौरा करने और गुरुओं से मुलाकात करेंगे. अमित शाह के इस दौरे को इस संदर्भ में देखा जा रहा है कि लिंगायत समुदाय अब भी बीजेपी के साथ है या नहीं.
बता दें कि राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस सरकार का निर्णय बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाना है. बीजेपी ने लिंगायत समुदाय से आने वाले बीएस येदियुरप्पा को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है.
बीजेपी ने बयान जारी कर बताया कि मठों का दौरा करने के अलावा शाह किसानों और व्यवसायियों की सभा को भी संबोधित करेंगे. इसके अलावा एक रोड शो निकालेंगे और पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.
शाह सोमवार को लिंगायत समुदाय के सिद्धगंगा मठ जाएंगे और वहां के संत का आशीर्वाद लेंगे. इसके बाद शिवामोग्गा में नारियल उत्पादकों के सम्मेलन में भाग लेंगे और राष्ट्रकवि कुवेम्पु के घर जाएंगे. मंगलवार को मदारा चेन्नैया मठ जाएंगे जो परंपरागत रूप से दलितों से जुड़ा हुआ है. शाह बेक्किनकल, सिरगेरे और मुरुगा सहित कई मठों का दौरा करेंगे.
सिद्धारमैया सरकार द्वारा लिंगायतों को अल्पसंख्यक धार्मिक समुदाय का दर्जा देने के निर्णय के बाद शाह पवित्र स्थलों का दौरा करने और गुरुओं से मुलाकात करेंगे. अमित शाह के इस दौरे को इस संदर्भ में देखा जा रहा है कि लिंगायत समुदाय अब भी बीजेपी के साथ है या नहीं.
बता दें कि राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस सरकार का निर्णय बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाना है. बीजेपी ने लिंगायत समुदाय से आने वाले बीएस येदियुरप्पा को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है.
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