सरकार और अण्णा के बीच दो मुद्दों पर बात फंस गई बात - anna hazare hunger strike anna and government talk stop on two issues

नई दिल्ली: किसान को फ़सल के बेहतर दाम और लोकपाल नियुक्ति के मुद्दे पर दिल्ली के रामलीला मैदान में अण्णा हजारे का अनिश्चितकालीन अनशन अब छठे दिन में आ गया हैं, लेकिन सरकार और अण्णा के बीच बात दो मुद्दों पर बात फंस गई है. सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से मध्यस्तता कर रहे महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने दावा किया था कि मंगलवार शाम तक अण्णा का अनशन खत्म करवा देंगे लेकिन मंगलवार शाम को अण्णा से बैठक के बाद गिरीश महाजन ने बताया कि 'अण्णा ने 11 मुद्दे उठाए थे जिनमें से 7-8 मुद्दों पर सहमति बन गई है लेकिन लोकपाल की नियुक्ति पर उन्होंने समय सीमा तय करने को कहा जिसको लेकर समस्या आ गई है. अब मैं दोबारा प्रधान मंत्री कार्यालय से बात करके बुधवार को दोबारा आऊंगा'.


दरअसल केंद्र सरकार ने 4 साल से लोकपाल नियुक्त नहीं किया है. अण्णा हजारे की मांग है कि सरकार बताये कि वो कब लोकपाल नियुक्त करेगी लेकिन सरकार सिर्फ़ लोकपाल नियुक्त करने का भरोसा दे रही है लेकिन कोई समय सीमा नहीं दे रही इसलिए इस मुद्दे पर बात फंस गई है.

दूसरा मुद्दा है फ़सल की लागत और न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाले कृषि लागत और मूल्य आयोग का. अण्णा की मांग है कि सरकार इसको स्वायत्तता दे जिससे कि ये किसानों के भले के लिए जो भी लागत निर्धारित करके जो भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे सरकार वो किसानों को दिलवाए. सरकार इसपर हामी नहीं भर रही. फिलहाल कृषि लागत और मूल्य आयोग केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के तहत काम करता है और उसकी सिफारिश सिर्फ सलाह होती जिसको मानना न मानना केंद्रीय कैबिनेट की मर्ज़ी पर होता है.

सरकार अण्णा की ये मांग मानने को तैयार है कि किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिलवाया जाए। लेकिन अण्णा को लगता है कि जब तक एक स्वायत्त कृषि लागत और मूल्य आयोग नहीं होगा तब तक किसान की फ़सल की सही लागत और न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित होना सरकार के प्रभाव में होगा. ऐसे में सरकार अपने हिसाब से तय करेगी कि किसान को फ़सल पर कितनी लागत आ रही और इसी हिसाब से वो न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करवा सकती है. जिससे किसान को सही दाम ना मिलने की प्रबल संभावना है.

इस बीच अनशन के पांचवे दिन अण्णा की तबियत बिगड़ रही है. अण्णा हजारे का वजन 5 किलो कम हो गया है और ब्लड प्रेशर रात में बहुत बढ़ जा रहा है. अण्णा के डॉक्टर धनंजय पोटे ने बताया कि ' पहले के अनशन में अण्णा की जो हालात आठवें नौवें दिन होती थी वो इस बार चौथे पांचवें दिन ही हो गई. इसलिए हमने अण्णा से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द वो अनशन खत्म करें. वैसे ये बात ध्यान देने वाली है कि 2011 का ऐतिहासिक रामलीला मैदान का आंदोलन अण्णा ने 73 साल की उम्र में किया था जिसमे वो 13 दिन भूखे रहे, फिलहाल अण्णा की उम्र 80 साल हो गई है. 
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