अन्ना के सत्याग्रह में राजनीतिक दलों के लिए दरवाजे पूरी तरह से बंद हैं - anna hazare siad that stay away from satyagraha political party

हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी पहुंचे समाज सेवी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. अन्ना ने सोमवार को कहा कि देश में पिछले 22 सालों में 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं. लोकपाल के नाम पर कई सरकारें बदल गईं  इसके बावजूद न तो लोकपाल कानून बनाया गया और न ही राज्यों में अब तक लोकायुक्त की नियुक्ति की गई. 

अन्ना ने किसानों की पेंशन और किसानों की फसलों के उचित दाम के लिए किसान आयोग बनाने सहित कई मांगों को लेकर सत्याग्रह करने का ऐलान किया, उन्होंने साफ किया कि इस सत्याग्रह में राजनीतिक दलों के लिए दरवाजे पूरी तरह से बंद हैं. पिछले आंदोलन का फायदा उठाकर राजनीतिक फायदा लेने वाले लोगों को देखकर अन्ना हजारे ने इस बार सत्याग्रह में भाग लेने वाले लोगों से किसी भी राजनीतिक दल में सहभागिता न करने का एफिडेविट लिया है. उनका कहना है कि अब तक देश भर से 5 हजार एफिडेफिट उनके पास आ चुके हैं. लगभग 50 हजार लोगों के साथ 23 मार्च से वह दिल्ली में सत्याग्रह करेंगे.

देश के 22 राज्यों में 80 जनसभा कर हल्द्वानी पहुंचे अन्ना ने जनलोकपाल बिल कानून लाने और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर 23 मार्च से दिल्ली में चलने वाले सत्याग्रह आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की. साथ ही उन्होंने जनसभा में लोकपाल बिल और लोगों के मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूक करते हुए उन्हें सही प्रतिनिधि के पक्ष में मताधिकार का प्रयोग करने की राय दी.

अन्ना ने कहा कि आने वाले समय में राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह हटाने को लेकर भी आंदोलन किया जाएगा. क्योंकि राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह की आड़ में बुरे लोग भी संसद तक चुन कर चले जाते हैं जो कि लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है . समाजसेवी ने हल्द्वानी की जनता से 23 मार्च से शुरू हो रहे सत्याग्रह में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की.

अन्ना ने कहा कि केंद्र में विपक्ष बहुत कमजोर है, इसीलिए सत्ताधारी दल मनमानी कर रहा है. विपक्ष की, सरकार से ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी होती है. विपक्ष को अपनी आवाज उठानी चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के एकजुट होने से कुछ नहीं होगा बल्कि सभी को सड़कों पर उतरना होगा, अन्ना दिल्ली में 23 मार्च को होने वाले अपने सत्याग्रह से पहले उत्तराखंड के दौरे पर हैं. उनके स्वागत और उन्हें सुनने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.



Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment