नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, जिसके नेताओं पर 20 से ज्यादा मानहानि के मामले दर्ज हैं, ने उन मामलों को निपटाने का फैसला किया है. केजरीवाल अपने ऊपर चल रहे सभी मानहानि के मामलों को खत्म करने के लिए सभी संबधित नेताओं से बात करेंगे. अरुण जेटली, नितिन गडकरी समेत कई नेताओं ने केजरीवाल पर मानहानि के मुकदमे कर रखे हैं. दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक सीएम केजरीवाल को रोजाना अदालत में घंटों बर्बाद करने पड़ रहे हैं जिससे उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है. इसलिए अब सभी मुकदमे खत्म करने के लिए कोशिश करेंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगे जाने के बाद पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'सीएम अरविंद केजरीवाल दर्जनों मामलों का सामना कर रहे हैं जिनमें मानहानि, चुनाव प्रचार के दौरान होर्डिंग/पोस्टर लगाना, धारा 144 का उल्लंघन, दिल्ली में प्रदर्शन जैसे मुद्दों को लेकर दायर किए गए हैं. ऐसे ही मामले देश के अन्य हिस्सों जैसे वाराणसी, अमेठी, पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गोवा और अन्य जगहों पर भी दायर किए गए हैं. इनमें से ज्यादातर मामलों में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहने की आवश्यकता होती है. ये मामले हमारे राजनीतिक विरोधियों द्वारा हमें हतोत्साति करने और हमारे नेतृत्व को इन कानूनी मामलों में उलझाए रखने के लिए दर्ज कराए गए हैं. ऐसे सभी मामलों को आपसी सहमति से सुलझाने का निर्णय पार्टी की लीगल टीम के सलाह पर लिया गया है. दिल्ली में दायर मामलों को फास्ट ट्रैक पर रखा गया है जिसकी वजह से विधायकों और मंत्रियों को प्रतिदिन दिल्ली और अन्य राज्यों में अदालतों में उपस्थित रहना पड़ता है.पहले से ही संसाधन की कमी झेल रही पार्टी के लिए कोर्ट केस एक बोझ है.'
केजरीवाल ने अकाली दल के नेता मजीठिया को लिखे 'माफीनामे' में लिखा है, 'अब मैं जान गया हूं कि सारे आरोप निराधार हैं, इसलिए मैं आपके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप और बयान वापस लेता हूं और उनके लिए माफी भी मांगता हूं.'
उधर पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने केजरीवाल के इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा है कि 'हम केजरीवाल द्वारा माफी मांगे जाने से आश्चर्यचकित हैं और हमें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि उनके जैसे कद के नेता द्वारा इस तरह समर्पण करने से पहले हमसे संपर्क नहीं किया गया.'
पिछले 7 महीनों में मानहानी के मामलों में केजरीवाल द्वारा दूसरी बार माफी मांगी गई है और आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी अब अपने नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के मामलों को इसी तरीके से सुलझाने की कोशिश करेगी.
पिछले साल अगस्त में केजरीवाल ने हरियाणा के बीजेपी नेता अवतार सिंह भड़ाना से मानहानि का मामला खत्म करने को लेकर माफी मांगी थी. उन्होंने 2014 में भड़ाना को भ्रष्ट कहा था. दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अलग से मानहानि का दावा किया था क्योंकि केजरीवाल ने अरुण जेटली पर दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख के रूप में उनके 13 साल के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने प्रकाश सिंह बादल सरकार पर ड्रग माफिया और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था. उनके उनका निशाना मुख्य रूप से मजीठिया थे तो तत्कालीन सरकार में राजस्व मंत्री थे. एक जन सभा में केजरीवाल ने वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वो अकाली दल के नेता को कॉलर पकड़ कर घसीटते हुए जेल ले जाएंगे. तब मजीठिया ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के दो अन्य नेताओं संजय सिंह और आशीष खेतान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया था.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगे जाने के बाद पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'सीएम अरविंद केजरीवाल दर्जनों मामलों का सामना कर रहे हैं जिनमें मानहानि, चुनाव प्रचार के दौरान होर्डिंग/पोस्टर लगाना, धारा 144 का उल्लंघन, दिल्ली में प्रदर्शन जैसे मुद्दों को लेकर दायर किए गए हैं. ऐसे ही मामले देश के अन्य हिस्सों जैसे वाराणसी, अमेठी, पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गोवा और अन्य जगहों पर भी दायर किए गए हैं. इनमें से ज्यादातर मामलों में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहने की आवश्यकता होती है. ये मामले हमारे राजनीतिक विरोधियों द्वारा हमें हतोत्साति करने और हमारे नेतृत्व को इन कानूनी मामलों में उलझाए रखने के लिए दर्ज कराए गए हैं. ऐसे सभी मामलों को आपसी सहमति से सुलझाने का निर्णय पार्टी की लीगल टीम के सलाह पर लिया गया है. दिल्ली में दायर मामलों को फास्ट ट्रैक पर रखा गया है जिसकी वजह से विधायकों और मंत्रियों को प्रतिदिन दिल्ली और अन्य राज्यों में अदालतों में उपस्थित रहना पड़ता है.पहले से ही संसाधन की कमी झेल रही पार्टी के लिए कोर्ट केस एक बोझ है.'
केजरीवाल ने अकाली दल के नेता मजीठिया को लिखे 'माफीनामे' में लिखा है, 'अब मैं जान गया हूं कि सारे आरोप निराधार हैं, इसलिए मैं आपके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप और बयान वापस लेता हूं और उनके लिए माफी भी मांगता हूं.'
उधर पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने केजरीवाल के इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा है कि 'हम केजरीवाल द्वारा माफी मांगे जाने से आश्चर्यचकित हैं और हमें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि उनके जैसे कद के नेता द्वारा इस तरह समर्पण करने से पहले हमसे संपर्क नहीं किया गया.'
पिछले 7 महीनों में मानहानी के मामलों में केजरीवाल द्वारा दूसरी बार माफी मांगी गई है और आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी अब अपने नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के मामलों को इसी तरीके से सुलझाने की कोशिश करेगी.
पिछले साल अगस्त में केजरीवाल ने हरियाणा के बीजेपी नेता अवतार सिंह भड़ाना से मानहानि का मामला खत्म करने को लेकर माफी मांगी थी. उन्होंने 2014 में भड़ाना को भ्रष्ट कहा था. दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अलग से मानहानि का दावा किया था क्योंकि केजरीवाल ने अरुण जेटली पर दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख के रूप में उनके 13 साल के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने प्रकाश सिंह बादल सरकार पर ड्रग माफिया और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था. उनके उनका निशाना मुख्य रूप से मजीठिया थे तो तत्कालीन सरकार में राजस्व मंत्री थे. एक जन सभा में केजरीवाल ने वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वो अकाली दल के नेता को कॉलर पकड़ कर घसीटते हुए जेल ले जाएंगे. तब मजीठिया ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के दो अन्य नेताओं संजय सिंह और आशीष खेतान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया था.
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