देहरादून: उत्तराखंड पीसीएस जे की परीक्षा में एक ऑटो चालक की बेटी पूनम टोडी ने टॉप किया है. राजधानी देहरादून के नेहरू इलाके के रहने वाले अशोक कुमार पेशे से ऑटो चालक हैं. उनके बच्चे हैं दो बेटी और दो बेटे. उनकी तीसरे नंबर की बेटी पूनम ने पीसीएस पास करके यह साबित कर दिया है बेटियां किसी से कम नहीं है. 2010 में दून के डीएवी कॉलेज से पूनम ने एलएलबी की प्रथम श्रेणी में डिग्री हासिल की है. वह अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानती है. उनका कहना है पीएम मोदी जो बेटियों को पढ़ाने की बात कर रहे हैं, वह इस बात से काफी प्रभावित हैं. उनका कहना है कि बेटियों को सम्मान मिलना चाहिए.
पूनम ने पीसीएस जे की परीक्षा को तीसरे प्रयास में पास किया है. 2017 में उनका सेलेक्शन यूपी के एपीओ में भी हुआ था. वह कहती है उनके परिवार ने हर मोड़ पर उनका साथ दिया है. उन्होंने 12वीं से लेकर डिग्री तक सभी परीक्षाओं को प्रथम श्रेणी में पास किया है.
पूनम ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के नंबर के आधार पर किसी की प्रतिभा का आंकलन नहीं करना चाहिए. वह बताती हैं कि दसवीं एमकेपी इंटर कॉलेज से की, जिसमें 54 फीसद अंक मिले. इसके बाद 61 प्रतिशत अंक के साथ डीएवी इंटर कॉलेज से बारहवीं की. डीएवी पीजी कॉलेज से ही यूजी, पीजी और फिर लॉ की पढ़ाई की. अब वह एसआरटी, बाहशाहीथौल से एलएलएम कर रही हैं.
अपनी सफलता का श्रेय पूनम अपने परिवार को देती हैं. वह बताती हैं, सीमित संसाधन, तंग हालात और जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव के बीच परिवार के सदस्य उनकी ताकत बने. बड़ी बहन शीतल की शादी हो चुकी है. बड़े भाई चंदन का अपना काम है और छोटा भाई राजीव मास कम्यूनिकेशन कर रहा है. पूनम ने दिल्ली में कोचिंग ली तो इन सभी ने उनका संबल बढ़ाया. अपने छोटे-छोटे खर्चों में कटौती की. मन में बस यही तमन्ना थी कि पूनम जज बन जाए.
पूनम ने पीसीएस जे की परीक्षा को तीसरे प्रयास में पास किया है. 2017 में उनका सेलेक्शन यूपी के एपीओ में भी हुआ था. वह कहती है उनके परिवार ने हर मोड़ पर उनका साथ दिया है. उन्होंने 12वीं से लेकर डिग्री तक सभी परीक्षाओं को प्रथम श्रेणी में पास किया है.
पूनम ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के नंबर के आधार पर किसी की प्रतिभा का आंकलन नहीं करना चाहिए. वह बताती हैं कि दसवीं एमकेपी इंटर कॉलेज से की, जिसमें 54 फीसद अंक मिले. इसके बाद 61 प्रतिशत अंक के साथ डीएवी इंटर कॉलेज से बारहवीं की. डीएवी पीजी कॉलेज से ही यूजी, पीजी और फिर लॉ की पढ़ाई की. अब वह एसआरटी, बाहशाहीथौल से एलएलएम कर रही हैं.
अपनी सफलता का श्रेय पूनम अपने परिवार को देती हैं. वह बताती हैं, सीमित संसाधन, तंग हालात और जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव के बीच परिवार के सदस्य उनकी ताकत बने. बड़ी बहन शीतल की शादी हो चुकी है. बड़े भाई चंदन का अपना काम है और छोटा भाई राजीव मास कम्यूनिकेशन कर रहा है. पूनम ने दिल्ली में कोचिंग ली तो इन सभी ने उनका संबल बढ़ाया. अपने छोटे-छोटे खर्चों में कटौती की. मन में बस यही तमन्ना थी कि पूनम जज बन जाए.
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