किसी राज्य को विशेष दर्जा देने को तैयार नहीं है सरकार - special status andhra pradesh parliament budget session

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र की शुरुआत से ही टीडीपी और टीआरएस के सांसद आंध्र प्रदेश की विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर अड़े हुए हैं. लेकिन सरकार फिलहार किसी राज्य को विशेष दर्जा देने को तैयार नहीं है. लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में सरकार ने साफ किया है कि फिलहाल किसी राज्य को विशेष दर्जा देने की कोई मांग विचाराधीन नहीं है.

लोकसभा में अनूप मिश्रा और राजू शेट्टी के प्रश्न के लिखित उत्तर में योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सदन में कहा कि देश में कुल 11 राज्यों- अरूणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा हासिल है. साथ ही उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे से संबंधित कोई प्रस्ताव फिलहाल सरकार के विचाराधीन नहीं है.



बजट पेश होने के बाद से ही एनडीए का घटक और सरकार की सहयोगी टीडीपी नाराज है. आंध्र की पार्टी टीडीपी का मानना है कि सरकार ने बजट में आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय किया है और राज्य की जरूरतों को ख्याल नहीं रखा गया. दोनों ही पार्टियों की मांग है कि राज्य को अधिक पैकेज दिया जाए साथ ही विशेष राज्य का दर्जा भी मिले. 

सहयोगियों के विरोध को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने टीडीपी के नेता और आंध्र के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से पिछले दिनों फोन पर बात भी की थी. नायडू ने राज्य को केंद्र की ओर से सम्मान नहीं दिए जाने की सूरत में संघर्ष करने की बात कही थी. शाह ने नायडू को उनकी शिकायत दूर करने और उनकी मांग पर सुनवाई करने का भरोसा दिलाया था.





बजट सत्र के पहले हिस्से में भी हंगामा कर रहे आंध्र के सांसदों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आश्वासन दिया था. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कह चुके हैं कि किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा. हालांकि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश के विकास के लिए आर्थिक सहायता देने के साथ ही विजयवाडा और विशाखापट्टनम के लिए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को भी मंजूरी देने को तैयार है.

संसद के भीतर और बाहर आंध्र के सांसदों का हंगामा जारी है. बजट सत्र के दूसरे हिस्से के 3 दिन गुजर चुके हैं लेकिन अबतक संसद का कामकाज ठप ही रहा है. सरकार की इस मंशा से गतिरोध और बढ़ने की उम्मीद है और इस विवाद से टीडीपी-बीजेपी का नाता भी टूट सकता है.


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