मूर्ति विवाद में राजा महाराजा बीर बिक्रम सिंह को न किया जाए शामिल: प्रद्युत माणिक्य - tripura pradyot manikya bjp statue of maharaja bir bikram

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मूर्ति तोड़ने को जो सिलसिला शुरू हुआ, उसकी जद में पेरियार और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति भी आ गईं. त्रिपुरा में अब तक व्लादिमीर लेनिन की दो मूर्तियां तोड़े जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. आगे भी ऐसी घटनाओं की साजिश रची जा रही है.

नॉर्थ ईस्ट टुडे के संपादक और त्रिपुरा के आखिरी राजा महाराजा बीर बिक्रम सिंह के पौत्र प्रद्युत माणिक्य ने ऐसी आशंका जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मूर्ति विवाद में उनके दादा को न शामिल किया जाए.



दरअसल, जानकारी ये सामने आ रही है कि बीजेपी महाराजा बिक्रम माणिक्य की 184 फीट ऊंची मूर्ति बनाने की योजना बना रही है. इस संबंध में प्रद्युत माणिक्य ने ट्वीट में कहा, 'मेरे दादा महाराजा बीर बिक्रिम को इस मूर्ति विवाद में मत घसीटिए. लेनिन और मार्क्स की जगह महाराजा की मूर्ति लगाने के सुझाव निराशाजनक हैं. अगर कोई उन्हें (महाराजा) सम्मानित करना चाहता है तो वो अलग नई मूर्ति बनवाने के लिए स्वतंत्र हैं.'

बता दें कि प्रद्युत माणिक्य त्रिपुरा के अंतिम राजा के पौत्र होने के साथ कांग्रेस से जुड़े हैं. चुनाव से पहले उनके बीजेपी में शामिल होने की भी चर्चा हुई थी. त्रिपुरा में लेनिन की मूर्तियों पर किए जा रहे प्रहार के बीच उन्होंने ये ट्वीट किया है.


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