गोरखपुर में कांग्रेस की लगातार सातवीं हार - up by election gorakhpur congress candidate bail seize record

नई दिल्ली: यूपी के उपचुनाव में भाजपा को इस बार करारा झटका मिला है. गोरखपुर के मजबूत भगवा किले में सपा ने ऐसी सेंधमारी की कि भाजपा के बड़े-बड़े दावे हवा हो गए. गोरखनाथ मंदिर के प्रभाव वाली इस लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी प्रवीन निषाद ने जहां जीत का रिकॉर्ड बनाया, वहीं कांग्रेस ने भी एक ऐसा अनचाहा रिकॉर्ड बना डाला जिससे यहां उसकी सियासी साख दांव पर लग गई है. इस बार की हार के साथ ही कांग्रेस न सिर्फ गोरखपुर में बुरी तरह हारी, बल्कि ये लगातार सातवीं हार है जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा सके.

उपचुनाव में कांग्रेस ने इस बार डा. सुरहिता करीम को मैदान में उतारा था. लेकिन वे अपनी जमानत तक नहीं बचा सकीं. उन्हें महज 18858 वोट मिले.

इससे पहले 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने अष्टभुजा प्रसाद त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन योगी लहर में वे ऐसे ‘बहे’ कि उनकी भी जमानत जब्त हो गई. उन्हें 45693 वोट मिले.

2009 में कांग्रेस के टिकट पर लाल चंद निषाद चुनावी रण में उतरे, लेकिन केंद्र की सत्ता में कांग्रेस के होने का उन्हें कोई फायदा नहीं मिला. योगी के प्रभाव के चलते उन्हें सिर्फ 30262 मत ही मिले.

2004 के आम चुनाव में कांग्रेस ने शरदेंदु पांडेय का उतारा, लेकिन वे भी सिर्फ 33477 वोट हासिल कर सके.

1999 में कांग्रेस ने यहां से मुसलिम प्रत्य़ाशी डॉ. सैयद जमाल को उतारा लेकिन वे भी कोई कमाल नहीं दिखा सके और सिर्फ 20026 वोट पा सके.

1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस की ओर से लगातार दूसरी बार हरिकेश बहादुर उतरे, लेकिन उन्हें भी सिर्फ 22621 वोट ही मिले. 1996 के चुनाव में हरिकेश बहादुर 14549 वोट ही पा सके, जो जमानत बचाने में भी सफल नहीं हो सके.

इस बार गोरखपुर के उपचुनाव में भगवा गढ़ में सेंधमारी करते हुए सपा प्रत्याशी प्रवीन निषाद ने भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ल को 21881 मतों से हराया है. प्रवीन निषाद को चुनाव में रिकॉर्ड 456513 मत मिले हैं. वहीं भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला को 434632 वोट मिले. कांग्रेस प्रत्याशी को मिले मतों के बाद सर्वाधिक संख्या नोटा की रही. इस बार गोरखपुर की जनता ने 8326 मत नोटा को दिये.


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