नई दिल्ली. इस साल पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और कोयले के दाम 20 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। वर्ल्ड बैंक ने अप्रैल की कमोडिटी मार्केट आउटलुक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। ऐसा होता है तो इसका भारत पर विपरीत असर होगा। देश अपनी ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए इन कमोडिटी के आयात पर ज्यादा निर्भर है। रिपोर्ट के मुताबिक, क्रूड के दाम न सिर्फ 2018 में, बल्कि 2019 में भी औसतन 65 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान है। 2017 में यह कीमत 53 डॉलर प्रति बैरल थी। हालांंकि, अप्रैल 2018 के स्तर से क्रूड की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है। रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक के एक्टिंग चीफ इकोनॉमिस्ट शांतयनन देवराजन ने कहा है, "दाम बढ़ने में तेज होती वैश्विक ग्रोथ और मजबूत मांग का बड़ा योगदान है।"
दक्षिण एशियाई देशों में भारत में तेल की कीमतें सबसे ज्यादा
- क्रूड ऑयल के भाव में उछाल से नए फाइनेंशियल ईयर के पहले ही दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी देखी गई। रविवार को दिल्ली में पेट्रोल 4 साल में सबसे महंगा हो गया।
- वहीं, डीजल के भाव अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए। राजधानी दिल्ली में अब पेट्रोल 73.73 और डीजल 64.58 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। ग्राहकों की नजरें अब मोदी सरकार पर टिकी हैं कि वादों के मुताबिक, एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर महंगाई से राहत दिलाई जाए।
- बता दें कि भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम साउथ एशियाई देशों में सबसे ज्यादा हैं। इसकी वजह है कि भारत में सरकार इंटरनेशनल मार्केट में तेल के पंप रेट का आधा टैक्स लगा देती है।
रविवार को ही भारत में पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई
- प्राइस नोटिफिकेशन के मुताबिक, तेल कंपनियों ने दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रविवार को 18 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की। जिसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 73.73 रुपए लीटर है। यह कीमत सितंबर, 2014 में सबसे ज्यादा 76.06 रुपए प्रति लीटर थी।
- दिल्ली में डीजल 64.58 रुपए लीटर है, जो अब तक का सबसे ज्यादा भाव है। फरवरी, 2018 में 64.22 रुपए प्रति लीटर था।
- बता दें कि सरकारी तेल कंपनियां जून, 2017 से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों की रोज समीक्षा करती हैं। इसके चलते हर दिन रेट बदलते हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने की थी ड्यूटी घटाने की मांग
- पेट्रोलियम मंत्रालय ने साल की शुरुआत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी घटाने की मांग की थी, ताकि इंटरनेशनल मार्केट में तेल की बढ़ती महंगाई से ग्राहकों को राहत दी जा सके। पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी, 2018 को पेश किए बजट में इसे नजरअंदाज कर दिया।
डेढ़ साल में 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ी थी
- अरुण जेटली ने नवंबर, 2014 से जनवरी 2016 के बीच एक्साइज ड्यूटी में 9 बार बढ़ोत्तरी की। जबकि इस दौरान ग्लोबल मार्केट में तेल कीमतों में गिरावट आई थी। इसके बाद सरकार ने अक्टूबर, 2017 में सिर्फ एक बार 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की।
- केंद्र ने राज्य सरकारों को तेल पर वैट में कटौती करने के लिए भी कहा। इसके बाद सिर्फ 4 राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश (तीनों भाजपा शासित) और हिमाचल प्रदेश (तब कांग्रेस शासित) ने वैट घटाया था।
दिल्ली में यूरो-6 फ्यूल की बिक्री शुरू
- दूसरी ओर, दिल्ली में 1 अप्रैल से यूरो-6 ग्रेड के पेट्रोल-डीजल की बिक्री शुरू हो गई। अल्ट्रा क्लीन यूरो-6 फ्यूल के लिए कोई अतिरिक्त कीमत भी नहीं देनी होगी। सरकारी तेल कंपनियां दिल्ली में यूरो-6 ग्रेड डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति करेंगी।
- आईओसी के निदेशक (रिफाइनरीज) बीवी राम गोपाल के मुताबिक, दिल्ली में रविवार से 391 पेट्रोल पम्प पर बीएस-6 अल्ट्रा क्लीन फ्यूल (पेट्रोल-डीजल) की सप्लाई शुरू हो गई। जबकि अभी तक यूरो-4 ग्रेड की बिक्री हो रही थी।
- जनवरी, 2019 से एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव फरीदबाद और मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे समेत 13 शहरों में यूरो-6 ग्रेड फ्यूल की सप्लाई शुरू होगी। वहीं, 1 अप्रैल 2020 से यह पूरे देश में मिलने लगेगा।
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