21वें कॉमनवेल्थ खेल में भारत ने 66 पदकों के साथ किया शानदार समापन - commonwealth games 2018 live india at gold cost on 10th and last day

गोल्ड कोस्ट: ऑस्ट्रेलिया में 21वें कॉमनवेल्थ खेलों के आखिरी 10वें दिन भारत ने 66 पदकों के साथ बहुत ही शानदार अंदाज में अपने शानदार अभियान का समापन किया.यह कुल मिलाकर भारत का खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. करोड़ों हिंदुस्तानी खेलप्रेमियों की नजरें आखिरी दिन इस बात पर लगी थीं कि क्या भारत साल 2014 में ग्लास्गो के प्रदर्शन को पीछे छोड़ पाएगा या नहीं. और भारतीय दल ने इन उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरते हुए ग्लास्गो के 64 पदकों को पीछे छोड़ते हुए इतिहास रच दिया, लेकिन इसके साथ भारतीयों को थोड़ा यह मलाल जरूर होगा कि वे मैनचेस्टर (साल 2002, 69 पदक) से कुछ ही पीछे रह गए.


बहरहाल कुल मिलाकर भारत ने प्रतियोगिता में 66 पदक जीते इनमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल हैं. और यह भारत का कुल मिलाकर खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.

इससे पहले भारत ने साल 2010 में दिल्ली में हुए खेलों में 101 और साल 2002 में मैनचेस्टर में 69 पदक जीते थे. गोल्ड कोस्ट में भारत का आखिरी पदक बैडमिंटन में पुरुष डबल्स मुकाबलों के फाइनल में हुई हार के साथ रजत पदक के रूप में आया

बैडमिंटन : सायना नेहवाल ने महिला सिंगल्स में हमवतन और रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पी.वी सिंधु को हराकर अंतिम दिन रविवार को महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया. सायना ऐसे में राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं. सिंधु को हार के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा. लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सायना ने सिंधु को 56 मिनट तक चले इस मैच में 21-18, 23-21 से मात देकर राष्ट्रमल खेलों का दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया.


​वहीं पुरुष वर्ग में वर्ल्ड नम्बर-1 भारतीय खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत उलटफेर का शिकार हो गए और स्वर्ण पदक से चूक गए. श्रीकांत को मलेशिया के दिग्गज ली चोंग वेई ने एक घंटे पांच मिनट में 19-21, 21-14, 21-14 से मात देकर जीत हासिल की.



वहीं पुरुष डबल्स वर्ग में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी फाइनल में स्वर्ण पदक से चूक गए. हालांकि, इस जोड़ी ने रजत पदक हासिल कर इतिहास रचा है. चिराग और सात्विक की जोड़ी को स्वर्ण पदक के लिए खेले गए मैच में 38 मिनट के भीतर इंग्लैंड की मार्कस एलिस और क्रिस लेंगरिज की जोड़ी ने सीधे गेमों में 13-21, 16-21 से मात दी.



टेबल टेनिस: अचंत शरत कमल ने पुरुषों की एकल वर्ग स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम कर लिया. शरत ने कांस्य पदक के लिए खेले गए इस मैच में इंग्लैंड के सैमुएल वॉकर को मात दी. शरथ ने सैमुएल को 4-1 (11-7, 11-9, 9-11, 11-6, 12-10) से हराकर इस मैच को जीता और आखिरकार कांस्य पदक जीतने में सफल रहे.


वहीं  मिक्स्ड डबल्स में मनिका बत्रा और साथियान गणाशेखरन ने कांस्य पदक अपने नाम किया. मनिका-साथियान की जोड़ी ने हमवतन शरथ-मौमा को एकतरफा मुकाबले में 3-0 (11-6, 11-2,11-4) से हराकर इन खेलों का पहला कांस्य पदक हासिल किया.

स्कवॉश: दीपिका पल्लिकल कार्तिक और जोशना चित्नप्पा की जोड़ी को अंतिम दिन महिला युगल के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और वे स्वर्ण पदक से चूक गईं. जोशना-दीपिका की जोड़ी को स्वर्ण पदक के मुकाबले में न्यूजीलैंड की जोले किंग और अमांडा लैंडर्स मर्फी की जोड़ी से हार मिली. ऐसे में भारतीय जोड़ी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. जोले और मर्फी की जोड़ी ने 21 मिनट तक चले मैच में दीपिका-जोशना की जोड़ी को 11-9, 11-8 से मात दी और सोना जीता.



कुल मिलाकर भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रचते हुए गोल्ड कोस्ट में एक बार फिर से यह साबित किया कि खेलों की दुनिया में भारतीय ताकत लगातार पढ़ रही. और यह बढ़े हुए स्वर्ण पदकों की संख्या में देखी जा सकती है. लेकिन ये खिलाड़ी थोड़े निराश होंगे कि कुछ ही पदकों से भारत मैनचेस्टर के 69 पदकों से सिर्फ कुछ ही दूर रह गया. 
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