रायबरेली में सोनिया गांधी को घेरने का प्लान बनाया है बीजेपी ने - bjp president amit shah visits new plan rae bareli sonia gandhi congress lok sabha election

नई दिल्ली: बीजेपी ने कांग्रेस को उसके ही दुर्ग में घेरने की रणनीति बनाई है. इससे पहले बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी में घेरने की कवायद की थी, जिसके चलते कांग्रेस को अपना किला बचाने में पसीने छूट गए थे. इस बार बीजेपी ने सोनिया गांधी को रायबरेली में घेरने का प्लान बनाया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आज रायबरेली के दौरे पर पहुंच रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि सपा, बसपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेंगी, तो पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव हार जाएंगे. राहुल पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा था कि राहुल पीएम मोदी की नहीं, अमेठी और रायबरेली की चिंता करें. शाह का रायबरेली दौरा 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है.

शाह के दौरे में कांग्रेस के किले को भेदने का भी प्लान है. कांग्रेस से नाराज चल रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह अपने और उनके भाई जिला पंचायत अवधेश प्रताप सिंह सहित कई जिला पंचायत सदस्य और ब्लाक प्रमुख बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. हालांकि दिनेश सिंह के भाई राकेश प्रताप जो हरचंदपर से  विधायक हैं वो कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. रायबरेली के बदलते सियासी समीकरण के बीच शाह का जिले का दौरा काफी मायने रखता है. ऐसे में बीजेपी आलाकमान अपने दौरे के दौरान कांग्रेस में सेंध लगाकर देश में बड़ा संदेश देना चाहेंगे.



दिनेश सिंह रायबरेली की सियासत में एक बड़ा चेहरा हैं. वो जहां खुद एमएलसी हैं, तो उनके एक भाई हरचंद्रपुर से विधायक और एक भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. तीनों ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की है. ऐसे में बीजेपी में शामिल होनि कांग्रेस के लिए अपने गढ़ में बड़ा झटका होगा. जबकि बीजेपी इसके जरिए देश की सियासत में माहौल बनाने की कोशिश करेगी.



बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सोनिया गांधी के सामने अजय अग्रवाल को मैदान में उतारा था. मोदी लहर के बावजूद वो सोनिया के सामने कड़ी चुनौती पेश नहीं कर सके. यही वजह थी कि सोनिया ने करीब तीन लाख से ज्यादा मतों से बीजेपी उम्मीदवार को हराया था. ऐसे में बीजेपी ने 2019 में रायबरेली की घेराबंदी करने की रणनीति बनाई है. माना जा रहा है कि बीजेपी दिनेश सिंह के सोनिया गांधी के सामने उतार सकती है.



गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को अमेठी में घेरने की रणनीति के तहत राहुल गांधी के सामने स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा था. ईरानी के खिलाफ राहुल को जीतने में पसीने छूट गए. हालत ये हो गई थी कि प्रियंका गांधी को अमेठी में डेरा जमाना पड़ा. इसके बाद कहीं जाकर राहुल एक लाख वोट से जीत सके थे, जबकि इससे पहले वो तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर चुके हैं.



स्मृति ईरानी भले ही चुनाव हार गई थीं, लेकिन राहुल के सामने लड़ने का पीएम मोदी ने उनको तोहफा दिया और मंत्री बनाकर अपनी कैबिनेट में शामिल किया. ईरानी पिछले चार साल से अमेठी में सक्रिय हैं. वो लगातार अमेठी का दौरा कर रही हैं और स्थानीय मुद्दों को उठाकर कांग्रेस आलाकमान को घेरती रहती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में अमेठी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली सभी सीटें कांग्रेस हार गई थी. जबकि सपा के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में थी.



अमेठी की तर्ज पर रायबरेली  पर भी बीजेपी ऐसी ही चुनौती पेश करने की तैयारी में जुट गई है. इसी के तहत बीजेपी आलाकमान रायबरेली का दौरे पर जा रहे हैं. वो रायबरेली के स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे.

 बीजेपी दिनेश सिंह के जरिए 2019 में सोनिया गांधी के खिलाफ मजबूत किलेबंदी करने की रणनीति बना रही है. बता दें कि 2014 में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सिर्फ रायबरेली और अमेठी ही जीत सकी थी. जबकि बीजेपी ने 71 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने इस बार सूबे की 80 की 80 सभी सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है.


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