नई दिल्ली: ब्रिटेन के लंदन शहर में सोमवार 16 अप्रैल से कॉमनवेल्थ (राष्ट्रमंडल) देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक (CHOGM) होने जा रही है. इस बैठक के लिए पीएम मोदी मंगलवार को लंदन पहुंचेंगे. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मसलों के अलावा सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो सकती है कि अब कॉमनवेल्थ के प्रमुख की भूमिका कौन निभाएगा, क्योंकि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ इस पद से हटना चाह रही हैं. इस संगठन में अगुवाई वाली भूमिका हासिल करने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 92 साल की हो चुकी हैं, इसलिए अब उनके लिए ज्यादा यात्रा करना और सक्रिय रहना संभव नहीं है. ब्रिटेन में तो महारानी के ज्यादातर काम उनके उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स को सौंपा जा रहा है, लेकिन कॉमनवेल्थ के प्रमुख का पद आनुवंशिक नहीं है. इसलिए अभी यह साफ नहीं हो पा रहा है कि कॉमनवेल्थ का प्रमुख कौन होगा.
भारत कॉमनवेल्थ में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है. यह दुनिया के मंच पर नेतृत्व करने की भारत की आकांक्षा की दिशा में पहला कदम हो सकता है. गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ एक ऐसा महत्वपूर्ण संगठन है जिसमें चीन नहीं है, इसलिए इसमें भारत के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभाना आसान है.
भारत इस संगठन में अपनी सक्रियता बढ़ाकर अगुआ की भूमिका में रहना चाहता है. कई विदेशी अखबारों ने भी भारत की बढ़ती सक्रियता को भांप कर इस बारे में खबरें छापनी शुरू कर दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इस बैठक में पीएम मोदी कॉमनवेल्थ के लिए भारत के वित्तीय योगदान को दोगुना करने की घोषणा कर सकते हैं.
भारत का कोई प्रधानमंत्री साल 2009 के बाद पहली बार CHOGM में जा रहा है. इसके पहले माल्टा में आयोजित बैठक में खुद पीएम मोदी भी नहीं जा पाए थे. यूके में भारत के उप उच्चायुक्त दिनेश पटनायक के अनुसार, विभिन्न संस्थाओं में भारत की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है और कॉमनवेल्थ भी कोई अलग नहीं है. भारत तो अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में नेतृत्वकारी भूमिका चाहता ही है, ब्रिटेन भी यह चाहता है कि भारत कॉमनवेल्थ में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.
ब्रिटेन की महारानी संभवत: किसी CHOGM सम्मेलन की अंतिम बार आयोजक होंगी. इस दौरान पीएम मोदी विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के अलावा महारानी से भी मुलाकात करेंगे. अभी यह साफ नहीं है कि महारानी के बाद कॉमनवेल्थ का प्रमुख कौन होगा. इसके बारे में विंडसर कैसल के वाटरलू चैंबर में नेताओं के रीट्रीट के दौरान चर्चा होगी. इस दौरान विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष निजी मुलाकात करेंगे और इसमें कॉमनवेल्थ में सुधार, उसको नया स्वरूप देने जैसे मसलों पर भी चर्चा हो सकती है.
पीएम मोदी बुधवार से ही द्विपक्षीय मुलाकातें शुरू कर देंगे. इसके बाद लंदन के स्काई गार्डन में ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे के द्वारा CHOGM डिनर का आयोजन किया जाएगा. ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत में 'टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप' पर जोर होगा. इसमें ब्रिटिश कंपनियों द्वारा 'मेक इन इंडिया' पर जोर दिया जाएगा.
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 92 साल की हो चुकी हैं, इसलिए अब उनके लिए ज्यादा यात्रा करना और सक्रिय रहना संभव नहीं है. ब्रिटेन में तो महारानी के ज्यादातर काम उनके उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स को सौंपा जा रहा है, लेकिन कॉमनवेल्थ के प्रमुख का पद आनुवंशिक नहीं है. इसलिए अभी यह साफ नहीं हो पा रहा है कि कॉमनवेल्थ का प्रमुख कौन होगा.
भारत कॉमनवेल्थ में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है. यह दुनिया के मंच पर नेतृत्व करने की भारत की आकांक्षा की दिशा में पहला कदम हो सकता है. गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ एक ऐसा महत्वपूर्ण संगठन है जिसमें चीन नहीं है, इसलिए इसमें भारत के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभाना आसान है.
भारत इस संगठन में अपनी सक्रियता बढ़ाकर अगुआ की भूमिका में रहना चाहता है. कई विदेशी अखबारों ने भी भारत की बढ़ती सक्रियता को भांप कर इस बारे में खबरें छापनी शुरू कर दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इस बैठक में पीएम मोदी कॉमनवेल्थ के लिए भारत के वित्तीय योगदान को दोगुना करने की घोषणा कर सकते हैं.
भारत का कोई प्रधानमंत्री साल 2009 के बाद पहली बार CHOGM में जा रहा है. इसके पहले माल्टा में आयोजित बैठक में खुद पीएम मोदी भी नहीं जा पाए थे. यूके में भारत के उप उच्चायुक्त दिनेश पटनायक के अनुसार, विभिन्न संस्थाओं में भारत की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है और कॉमनवेल्थ भी कोई अलग नहीं है. भारत तो अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में नेतृत्वकारी भूमिका चाहता ही है, ब्रिटेन भी यह चाहता है कि भारत कॉमनवेल्थ में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.
ब्रिटेन की महारानी संभवत: किसी CHOGM सम्मेलन की अंतिम बार आयोजक होंगी. इस दौरान पीएम मोदी विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के अलावा महारानी से भी मुलाकात करेंगे. अभी यह साफ नहीं है कि महारानी के बाद कॉमनवेल्थ का प्रमुख कौन होगा. इसके बारे में विंडसर कैसल के वाटरलू चैंबर में नेताओं के रीट्रीट के दौरान चर्चा होगी. इस दौरान विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष निजी मुलाकात करेंगे और इसमें कॉमनवेल्थ में सुधार, उसको नया स्वरूप देने जैसे मसलों पर भी चर्चा हो सकती है.
पीएम मोदी बुधवार से ही द्विपक्षीय मुलाकातें शुरू कर देंगे. इसके बाद लंदन के स्काई गार्डन में ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे के द्वारा CHOGM डिनर का आयोजन किया जाएगा. ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत में 'टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप' पर जोर होगा. इसमें ब्रिटिश कंपनियों द्वारा 'मेक इन इंडिया' पर जोर दिया जाएगा.
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