कांग्रेस में नहीं रहना चाहते रायबरेली के एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह - congress raibareli sonia gandhi mlc dinesh partap singh bjp joing

लखनऊ: गांधी परिवार के दुर्ग रायबरेली में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगने जा रहा है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में पार्टी के विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह पार्टी से नाराज हैं. माना जा रहा है कि बुधवार को लखनऊ में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इतना ही नहीं उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष रायबरेली अवधेश प्रताप सिंह भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं.



रायबरेली के एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस में अब वो नहीं रहना चाहते हैं. बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी जिले में अपने समर्थकों के साथ वो विचार विमर्श कर रहे हैं. समर्थकों की राय के बाद ही कोई कदम उठाएंगे.


रायबरेली की सियासत में दिनेश प्रताप सिंह एक बड़ा नाम है. दिनेश सिंह 2016 में कांग्रेस से एमएलसी का चुनाव जीतने वाले एकलौते सदस्य थे. कांग्रेस से लगातार दूसरी बार वो विधान परिषद में चुने गए थे. मौजूदा समय में रायबरेली की जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर उनके भाई अवधेश प्रताप सिंह है. जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट भी उनके परिवार के पास दूसरी बार कब्जा जमाया है. इसके अलावा उनके भाई राकेश प्रताप सिंह 2017 के विधानसभा चुनाव में हरचंदपुर विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने हैं.


दिनेश प्रताप सिंह ने अपना सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया था. इसके बाद सपा का दामन थाम लिया था और एमएलसी का चुनाव लड़े थे. लेकिन जीत नहीं सके. इसके बाद उन्होंने 2007 के चुनाव से पहले बसपा के हाथी पर सवार हुए और तिलाई विधानसभा सीट से चुनाव लड़े. पर यहां भी उन्हें जीत नहीं मिल सकी. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा. दिनेश प्रताप के कांग्रेस में शामिल होते ही किस्मत खुल गई. 2010 में पहली बार विधान परिषद के सदस्य का चुनाव जीता. इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर उनके भाई की पत्नी को जीत मिली. इसके बाद 2016 में दोबारा वो एमएलसी बने. इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष भी दोबारा उनेक परिवार के सदस्य ने जीता. 2017 में उनेक भाई विधायक बने.


बता दें कि दिनेश प्रताप सिंह के कांग्रेस से मोहभंग होने के पीछे बड़ी वजह सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा हैं. पिछले साल अप्रैल में ही दिनेश प्रताप ने शर्मा को लेकर बगावत का झंडा उठाते हुए मोर्चा खोल दिया था. दिनेश प्रताप ने किशोरी लाल शर्मा पर जिले में कांग्रेस को खोखला करने का आरोप भी लगाया था. उन्होंने साफ कहा था कि अब कांग्रेस तय करे कि किशोरी लाल शर्मा कांग्रेस में रहेंगे या फिर दिनेश प्रताप सिंह. इसके बाद कांग्रेस ने दिनेश प्रताप को पार्टी से निलंबित कर दिया था.

हालांकि, वो लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों में नजर आ रहे थे. राहुल के अमेठी दौर पर भी साथ थे. इसके अलावा राहुल की ताजपोशी के दौरान भी कार्यक्रम में नजर आए थे. हालांकि, दिनेश प्रताप सिंह की कांग्रेस से नाराजगी की एक बड़ी वजह रायबरेली के पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह भी हैं.


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