नई दिल्ली: दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआई पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है. दरअसल, लॉ कमीशन ने बीसीसीआई में बड़े बदलाव करने से संबंधित अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई को सूचना के अधिकार यानी RTI के तहत लाए जाने की सिफारिश की गई है. लॉ कमीशन ने सरकार से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीसीसीआई को एक पब्लिक बॉडी का दर्जा मिले.
सिफारिश के मुताबिक बीसीसीआई को नेशनल स्पोर्ट फेडरेशन का दर्जा दिया जाए. बीसीसीआई के खिलाफ कोर्ट में भी अपील डाली जा सके, चाहे मामला मानवाधिकार उल्लंघनों का ही क्यों न हो.
यदि सरकार लॉ कमीशन की मांगों को मानती है तो बीसीसीआई में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. लॉ कमीशन की मांग है कि बीसीसीआई का दर्जा एक जन निकाय की तरह हो और बीसीसीआई से जुड़े हुए जरूरी मामलों को आरटीआई एक्ट के तहत लाया जाए जिससे हर किसी को बीसीसीआई से जुड़े हुए मसलों को जानने का हक मिले.
बता दें कि बीसीसीआई को आरटीआई के तहत प्राइवेट बॉडी होने के कारण अभी तक छूट है. दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य से यह सुझाव दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में बनाई गई लॉ कमिशन ने यह सुझाव केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास भेजा है. बता दें कि आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद से ही क्रिकेट बोर्ड में सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए गए. लॉ कमिशन ने अपने सुझाव में बीसीसीआई और इससे जुड़े सभी घटकों को आरटीआई में लाने की सिफारिश की है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई को सूचना के अधिकार यानी RTI के तहत लाए जाने की सिफारिश की गई है. लॉ कमीशन ने सरकार से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीसीसीआई को एक पब्लिक बॉडी का दर्जा मिले.
सिफारिश के मुताबिक बीसीसीआई को नेशनल स्पोर्ट फेडरेशन का दर्जा दिया जाए. बीसीसीआई के खिलाफ कोर्ट में भी अपील डाली जा सके, चाहे मामला मानवाधिकार उल्लंघनों का ही क्यों न हो.
यदि सरकार लॉ कमीशन की मांगों को मानती है तो बीसीसीआई में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. लॉ कमीशन की मांग है कि बीसीसीआई का दर्जा एक जन निकाय की तरह हो और बीसीसीआई से जुड़े हुए जरूरी मामलों को आरटीआई एक्ट के तहत लाया जाए जिससे हर किसी को बीसीसीआई से जुड़े हुए मसलों को जानने का हक मिले.
बता दें कि बीसीसीआई को आरटीआई के तहत प्राइवेट बॉडी होने के कारण अभी तक छूट है. दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य से यह सुझाव दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में बनाई गई लॉ कमिशन ने यह सुझाव केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास भेजा है. बता दें कि आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद से ही क्रिकेट बोर्ड में सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए गए. लॉ कमिशन ने अपने सुझाव में बीसीसीआई और इससे जुड़े सभी घटकों को आरटीआई में लाने की सिफारिश की है.
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