मन की बात: रमजान का जिक्र कर पीएम मोदी ने कहा- जो खुद भूखा रहता है उसे दूसरों की भूख का अहसास होता है- mann-ki-baat

नई दिल्ली -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 43वें मन की बात कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद साहब के उपदेशों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 'रमजान का पवित्र महीना शुरू होनेवाला है। विश्वभर में रमजान का महीना पूरी श्रद्धा और सम्मान से मनाया जाता है। रोजे का सामूहिक पहलू यह है कि जब इंसान खुद भूखा होता है तो उसे दूसरों की भूख का अहसास होता है। जब वह खुद प्यासा रहता है तो उसे दूसरों की भी प्यास का अहसास रहता है।'पीएम ने आगे कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके संदेश को याद करने का यह अवसर है। एक बार एक इंसान ने पैगंबर साहब से पूछा कि इस्लाम में सबसे अच्छा कार्य कौन सा है? मोहम्मद साहब ने कहा कि किसी गरीब और जरूरतमंद को खिलाना और सभी से सद्भाव से मिलना भले ही आप उसे न जानते हो। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पैगंबर साहब कहते थे कि अहंकार ही ज्ञान को पराजित करता है। वह कहते थे कि अगर आपके पास कोई चीज आवश्यकता से अधिक है तो आप उसे दान दे दें। रमजान में दान का भी बड़ा महत्व है। उनका मानना था कि कोई व्यक्ति पवित्र आत्मा से बड़ा होता है न कि धन-दौलत से।' पीएम ने रमजान की शुभकामनाएं भी दीं। CWG के पदकवीरों की तारीफ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि 4-15 अप्रैल के दौरान हुए खेलों में हजारों खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। जोश, जज्बा और उत्साह के माहौल के बीच देशभर के लोगों ने अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सराहा। भारतीय खिलाड़ियों के 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज जीतने पर सभी देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई। उन्होंने कहा कि 'तिरंगा झंडा लिए खिलाड़ियों को देख और राष्ट्रगान सुन हर भारतीय का तनमन पुल्कित हो उठा, हम भाव से भर गए।' मणिका बत्रा का संदेश... मन की बात कार्यक्रम में कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतनेवाली मणिका बत्रा ने अपने संदेश में कहा, 'मैं बहुत खुश हूं, पहली बार भारत में टेबल टेनिस इतना लोकप्रिय हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने के लिए सरकार का शुक्रिया'। उधर, वेटलिफ्टिंग में पदक जीतने वाली मीराबाई चानू ने भी कहा कि 'मैं मणिपुर और अपने देश का नाम रोशन करना चाहती थी। अनुशासन, समर्पण और कठिन परिश्रम से मुझे सफलता मिली।'
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