लगातार हो रहे बैंक घोटालों पर संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे गर्वनर उर्जित पटेल - parliamentary committee calls rbi governor on bank scams

नई दिल्ली : लगातार हो रहे बैंक घोटालों से देश के अर्थ जगत में हलचल मची हुई है. राजनीतिक गलियारों में भी विपक्षी दल सरकार को इस मुद्दे पर लगातार घेर रहे हैं. पंजाब नेशनल बैंक से शुरू हुआ घोटालों का सिलसिला करीब दर्जन बैंकों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. इन घोटालों पर देश के शीर्ष बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं. बैंक घोटालों पर आरबीआई की भूमिका को लेकर वित्त मामलों की एक संसदीय समिति ने आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल को नोटिस जारी कर समिति के सामने पेश होने को कहा है.

संसद की एक समिति ने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को 17 मई को उसके समक्ष पेश होने को कहा है. जानकारी मिली है कि हाल ही में उजागर हुए लगातार बैंक घोटालों के सिलसिले में जवाब-तलब करन के लिए गर्वनर की समिति के सामने पेशी होनी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली वित्त मामलों पर संसद की स्थाई समिति ने मंगलवार को वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार से बैंकिंग क्षेत्र पर कई सवाल पूछे. नोटबंदी के समय भी आरबीआई गवर्नर संसदीय समिति के समक्ष पेश हो चुके हैं.



जानकारी मिली है कि समिति ने 17 मई को गर्वनर पटेल को उपस्थित होने को कहा है. क्योंकि समिति उनसे बैंक घोटालों और अन्य बैंकिंग नियमनों के बारे में जानना चाहती हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी समिति के सदस्य हैं. वह भी बैठक में मौजूद थे. उर्जित पटेल ने हाल में कहा था कि रिजर्व बैंक के पास सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से संबंधित मामलों को देखने के लिए पर्याप्त अधिकार नहीं हैं.

समिति के एक अन्य सदस्य ने कहा, ‘हम यह जानना चाहते हैं कि रिजर्व बैंक गवर्नर को किस तरह के अधिकार चाहिए.' उन्होंने कहा कि नियमन महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. यही वजह है कि गवर्नर को बुलाया गया है.

सूत्रों ने बताया कि समिति ने सार्वजनिक और निजी बैंकों में सामने आए विभिन्न घोटालों पर विचार विमर्श किया. यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का भी मुद्दा उठा, सूत्र ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक सहित सभी वाणिज्यिक बैंकों पर चर्चा हुई. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने सांसदों के सवालों के कुछ ही हिस्सों का जवाब दिया. उन्हें इन सवालों पर पूरी रिपोर्ट देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है.


हालांकि बैंक घोटालों पर उर्जित पटेल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि आरबीआई के पास समिति अधिकार हैं और इन अधिकारों से बैंक घोटालों को नहीं रोका जा सकता है. पटेल ने बैंक घोटाले रोकने के लिए केंद्रीय बैंक को और अधिक नियामकीय शक्तियां दिए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि उसके पास इस समय जो शक्तियां है वे घोटालेबाजों के मन में भय पैदा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.


बैंक घोटालों पर लगातार सवालों के घेरे में आ रहे उर्जित पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक नीलकंठ की तरह विषपान करेगा और अपने ऊपर फेंके जा रहे पत्थरों का सामना करेगा, लेकिन हर बार पहले से बेहतर होने की उम्मीद के साथ आगे बढ़ेगा. पटेल ने कहा, 'मैंने बोलना इसलिए तय किया कि ताकि यह बता सकूं, बैंकिंग क्षेत्र के घोटाले और अनियमितताओं से RBI भी गुस्सा, तकलीफ और दर्द महसूस करता है.'

उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां कुछ कारोबारियों द्वारा बैंकों के साथ मिलकर देश को लूटने जैसा है. उन्होंने कहा कि RBI ने बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा की व्यवस्था की है. अनियमितताओं को रोकने और गठजोड़ को समाप्त करने के लिए जो कुछ किया जा सकता है उसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

मिथकों का उदाहरण देते हुए पटेल ने कहा कि RBI आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रेडिट कल्चर को उसी तरह साफ कर रहा है जैसे मंदार पर्वत से समुद्र मंथन किया गया था. उन्होंने कहा कि जब तक यह पूरा नहीं हो जाता है और देश के भविष्य के लिए स्थिरता का अमृत हासिल नहीं कर लिया जाता है, किसी न किसी को तो मंथन से निकलने वाले विष का पान करना पड़ेगा.
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