आरक्षण खत्म करने की साजिश बंद नहीं हुई तो होगी जंग: सांसद सावित्री बाई फुले - war if conspiracy against reservation not end bjp mp

लखनऊ: एक तरह से अपनी पार्टी से खुले तौर पर बगावती तेवर दिखाते हुए यूपी के बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा है कि यदि आरक्षण खत्म करने की साजिश बंद नहीं हुई तो जंग हो जाएगी. कुछ दिनों पहले ही फुले ने कहा था कि आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है. उन्होंने इसके लिए अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार पर भी हमला बोला.

लखनऊ में आयोजित 'संविधान व आरक्षण बचाओ' रैली में फुले ने कहा, 'आरक्षण हमें कोई भीख में नहीं मिला है, यह हमारे लिए प्रतिनिधित्व का मामला है. देश का सत्तारूढ़ वर्ग यदि संविधान बदलने की हिमाकत करेगा और आरक्षण खत्म करने की कोशिश करेगा, तो खूनी जंग शुरू हो सकती है.'

उन्होंने कहा, 'हम अपने अधिकारों के लिए अपना जीवन दांव पर लगाने के लिए तैयार हैं. भारत का संविधान सही ढंग से लागू नहीं किया गया है और हम बहुजन लोगों को अब भी समानता का अधिकार नहीं दिया गया है.'

फुले ने कहा कि वह चुनाव की परवाह नहीं करतीं. उन्होंने कहा, 'मैं अपने सांसद की सीट की परवाह नहीं करती. मेरे पास सीट रहे या न रहे मैं अपने अंतिम सांस तक हमारे समाज के अधिकारों के लिए लड़ूंगी.'



उन्होंनें कहा, 'हमें उसी संविधान की बदौलत मुख्यमंत्री या राष्ट्रपति बनने का अधिकार मिला है, जिसके खिलाफ आज साजिश की जा रही है. इसके पीछे कुछ वरिष्ठ नेता हैं और केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से, एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों को संविधान में मिला अधिकार खतरे में हैं. हम प्रमोशन और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.'



उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है और बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की मूर्तियां भी सुरक्षित नहीं हैं. एक दलित की सिर्फ घोड़े पर चढ़ने की वजह से हत्या कर दी जाती है. दलित महिलाओें के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है.



राज्य बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पार्टी का पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा, 'हमने सभी स्तरों पर यह साफ कर दिया है कि संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं है. यदि किसी को इसमें किसी भी तरह का संदेह है, तो उसे सही मंच पर यह बात उठानी चाहिए, बजाय कोई बवाल खड़ा करने के. अनुमानों और संदेहों का तो काई इलाज नहीं है.

बता दें कि इस मामले में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी के सहयोगी पहले ही नाराजगी जता चुके हैं. इनमें सुहेलदेव पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर सबसे ज्यादा मुखर हैं.

यहीं नहीं एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के दलित सांसदों में भी रोष देखने को मिल रहा है. एनडीए सहयोगी रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा ने शीर्ष कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल किया है. साथ ही बीजेपी के सांसदों ने समाज कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत से भी इस मामले पर मुलाकात की थी और मामले को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने की बात कही थी.



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