राजस्थान में आने वाले कुछ माह में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इसके पहले वसुंधरा सरकार परेशान है. इसके पीछे वजह है गुर्जर आरक्षण आंदोलन
मालूम हो कि अब तक गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर चार बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन हर बार आरक्षण की कुल सीमा 50 फीसदी से ज्यादा होने की वजह से गुर्जर आरक्षण पर कोर्ट से रोक लग जाती है.गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही गुर्जर समुदाय को 50 फीसदी दायरे के अंतर्गत आरक्षण नहीं दिया तो गुर्जर समुदाय एक बार फिर से 15 मई से एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगा. बैंसला ने गुर्जर समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे भारी संख्या में तैयार होकर 15 मई को बयाना के अड्डा गांव में इकट्ठे हों, वहीं से आंदोलन शुरू किया जाएगा.बयाना का पीलूपुरा पहले भी गुर्जर आंदोलन का मुख्य केंद्र बना था और आज भी आगामी आंदोलन के लिए वही स्थान चुना गया है क्योंकि यहां भारी तादाद में गुर्जर समुदाय के लोग रहते हैं. इसके अलावा बयाना गांव दिल्ली-मुंबई को जोड़ता है और यहां होने वाला आंदोलन रेल से लेकर सड़क व्यवस्था को ठप कर देता है.
15 मई को एकबार फिर से गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन का ऐलान किया है. यूपी में ओबीसी के बंटवारे के बाद गुर्जरों ने राजस्थान में फिर ओबीसी में वर्गीकरण की मांग उठाई है.इस बीच श्री राजपूत करणी सेना ने राजस्थान के कई हिस्सों में रैली निकालकर आर्थिक आधार पर राजपूतों के लिए आरक्षण की मांग की है. उनका कहना है कि मई महीने में राज्य में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा.राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि सवर्णों को झांसा देने के लिए हर बार सरकार विधानसभा से आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण देने का बिल पास कर देती है, लेकिन आरक्षण देती नहीं है.
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राजस्थान में गुर्जरों का 15 मई को फिर आंदोलन- Gujjar Community Agitation To Start From-15-may
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