सेना के लिए रणनीतिक तौर पर अहम जोजिला सुरंग की आधारशिला 19 मई को रखेंगे PM मोदी

कश्मीर घाटी से साल के सभी मौसम में लद्दाख तक जाने के लिए बने जोजिला पास की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी + 19 मई को करेंगे। खराब मौसम के कारण लद्दाख से घाटी का संपर्क खत्म हो जाता है, इस पास के बन जाने के बाद यह परेशानी खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही बॉर्डर सुरक्षा के लिहाज से भी जोजिला पास रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है। इस सुरंग से साढ़े 3 घंटे का सफर कुछ मिनटों में पूरा हो जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पास को बनाने के लिए आधारशिला रखेंगे। 6,809 करोड़ रुपए की लागत वाले इस प्रॉजेक्ट में 14.2 किमी. तक की सुरंग बनाई जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि 2026 तक यह निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। श्रीनगर-लेह के बीच एक और महत्वपूर्ण 6.5 किमी. के टनल के निर्माण का काम चल रहा है। इस हाईवे के अगले साल तक पूरा होने की संभावना है। जोजिला टनल + निर्माण के लिए सबसे पहले सर्वे भारतीय सेना ने 1997 में किया था, लेकिन इस दिशा में ठोस कदम 1999 में करगिल युद्ध के बाद ही उठाए गए। एक सरकारी अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'लद्दाख के लोगों से साल भर देश के दूसरे हिस्से से संपर्क का जो वादा किया गया था, यह उसे पूरा करने की दिशा में अगला कदम है। 20 किमी. के z-मोर्च टनल और जो जिला टनल के निर्माण से घाटी और लद्दाख के बीच संपर्क का दायरा मजबूत होगा।' जोजिला सुरंग का निर्माण समुद्र तल से लगभग 11578 फीट की ऊंचाई पर स्थिति जोजिला दर्रे में होगा। लगभग 14.2 किलोमीटर लंबी सुरंग में दो लेन की दुतरफा सड़क बनाई जाएगी। इस सुरंग के बनने से जम्मू-कश्मीर के शेष भाग का लद्दाख क्षेत्र के साथ साल के सभी मौसम में सड़क संपर्क संभव हो सकेगा। सर्दी के मौसम में भीषण बर्फबारी के कारण साल के लगभग छह महीने लेह-लद्दाख क्षेत्र का जम्मू-कश्मीर के बाकी क्षेत्रों से सड़क संपर्क कटा रहता है। इस सुरंग के निर्माण से सबसे अधिक लाभ भारतीय सेना को होगा।
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