लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने घोषणा की है कि अगर उन्हें 'महागठबंधन' में पर्याप्त सीटें नहीं मिलती हैं तो वह समझौता करने की बजाय अकेले चुनाव में उतरना पसंद करेंगी। शनिवार को लखनऊ में बीएसपी की नैशनल एग्जिक्यूटिव की मीटिंग के दौरान मायावती ने 'ऐंटी-बीजेपी' फ्रंट के गठन से पहले अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से मंत्रणा की। मायावती ने इस दौरान अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'हालांकि, यूपी की पार्टियों से गठबंधन के लिए बातचीत जारी है लेकिन कार्यकर्ता हर स्थिति के लिए तैयार रहें। अगर गठबंधन में पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं तो हमें चुनाव में अकेले ही उतरना होगा।' इस दौरान मायावती ने इशारों-इशारों में यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह पार्टी का कंट्रोल अपने हाथ से निकलने नहीं देने वाली हैं। कंट्रोल मायावती के हाथ में होगा
मायावती ने यह भी कहा, 'आगे चलकर अगर पार्टी अध्यक्ष अगर बढ़ती उम्र के कारण ज्यादा दौड़-भाग करने में असमर्थ हों तब वह राष्ट्रीय संयोजक की भूमिका निभाएंगे/निभाएंगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे।' मायावती ने अपनी पार्टी में स्वार्थी और अवसरवादी नेताओं द्वारा अपने घरवालों को पार्टी में प्रमोट करने को लेकर कहा, 'अब तक पार्टी वाइस प्रेजिडेंट की भूमिका निभा रहे मेरे भाई आनंद कुमार को दलित आंदोलन के हित में उनके पद से हटने के लिए कहा गया है, वह अब आम कार्यकर्ता की तरह काम करेंगे।'
'20-22 साल मैं ही हूं नेता'
मायावती ने इस दौरान यह भी कहा कि अगले 20-22 सालों तक बीएसपी का नेतृत्व वही करने वाली हैं। इससे साफ हो गया है कि बीएसपी का कोई नेता मायावती की जगह लेने की तो सोच भी नहीं सकता है। मायावती ने इस दौरान अपने घुटनो में होने वाले दर्द का भी किस्सा बयां किया और यह भी सुनिश्चित किया कि चाहे जो हो जाए बीएसपी तो वही चलाने वाली हैं।
जातिगत समीकरण साधने की कोशिश
अपने भाई को उपाध्यक्ष पद से हटाने के लिए अलावा भी मायावती ने पार्टी में कई बड़े बदलाव किए। इसमें आर एस कुशवाहा यूपी का अध्यक्ष बनाया गया और पूर्व अध्यक्ष (यूपी) राम अचल राजभर को नैशनल जनरल सेक्रटरी बना दिया गया। कुशवाहा के बारे में बताएं तो वह 2002 से बीएसपी के साथ हैं और रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। इसके अलावा लालजी वर्मा को छत्तीसगढ़ का कॉर्डिनेटर बनाया गया है। गौरतलब है कि इसी साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
मोदी सरकार पर साधा निशाना
बता दें कि शनिवार को ही मायावती ने एक बयान जारी करते हुए मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल पर जमकर निशाना साधा था। मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर मायावती ने सरकार पर हर मोर्चे पर विफल होने के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही मायावती ने पीएम पर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार की उल्टी गिनती शुरू होने की बात भी कही थी।
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गठबंधन में पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं तो 2019 में अकेले लड़ेंगे चुनाव: मायावती-if-we-not-get-enough-seats
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