कर्नाटक चुनाव: येदियुरप्पा ने ली शपथ, बीजेपी को 'रूठे' लिंगायत विधायकों से उम्मीद- bjp-seeks-to-win-over-rivals-lingayat-mlas

नई दिल्ली/बेंगलुरु : कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला की तरफ से सरकार बनाने का निमंत्रण मिलने के बाद गुरुवार को बीजेपी विधायक दल के नेता येदियुरप्पा + ने सीएम पद की शपथ ले ली है। बीजेपी के पास बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन आंकड़ों को पक्ष में करने के लिए खास योजना है। बीजेपी को विपक्षी दलों के उन लिंगायत विधायकों से उम्मीद है जो कांग्रेस-जेडीएस के पोस्ट पोल गठबंधन से नाराज बताए जा रहे हैं क्योंकि इसका मुखिया वोकलिंगा समुदाय के कुमारस्वामी को बनाया गया है ।12 लिंगायत विधायक जा सकते हैं येदियुरप्पा के साथ बताया जा रहा है कांग्रेस + और जेडीएस के करीब दर्जन भर लिंगायत विधायक अपने समुदाय से आने वाले सबसे बड़े नेता येदियुरप्पा के नाम के पीछे जा सकते हैं। कांग्रेस की तरफ से अल्पसंख्यक समुदाय का कार्ड चलने के बावजूद लिंगायत समुदाय ने चुनावों में बड़े पैमाने पर बीजेपी का साथ दिया। कर्नाटक में वोकलिंगा और लिंगायत समुदाय के तबसे अदावत चली आ रही है जब 2007 में बीजेपी के साथ कार्यकाल बंटवारे के गठबंधन के बावजूद सीएम की कुर्सी छोड़ने से इनकार कर दिया था। बीजेपी के 222 सीटों (2 सीटों पर चुनाव बाकी हैं) में से 104 सीटें है। उसे अपना बहुमत साबित करने के लिए अभी 8 विधायकों की जरूरत है। ऐसे में पार्टी की तरफ से विपक्षी दलों के जिन विधायकों को लुभाने की कोशिश की गई है उन्हें ट्रस्ट वोट के समय येदियुरप्पा के लिए वोटिंग करने को कहा जा सकता है। बीजेपी तर्क दे रही है कि लोगों ने कांग्रेस के खिलाफ वोट किया है और जेडीएस काफी अंतर से तीसरे स्थान पर है। इस विधानसभा चुनाव में 60 प्लस सीटों का फायदा होने के बाद बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह सरकार बनाने में पीछए नहीं हटेगी। बीजेपी ने यह भी तर्क दिया है कि 1996 में कैसे गुजरात की बीजेपी सरकार को गिराया गया, शकंरसिंह वाघेला सीएम बने लेकिन सरकार चल नहीं पाई।
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