नई दिल्ली : मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को अहम आदेश के तहत केंद्र से कहा वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को निर्देश दे कि देश में कोई भी स्कूल, चाहे वह शैक्षणिक बोर्ड से संबद्ध न हो, कक्षा पहली और दूसरों के छात्रों को नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की सिफारिशों के अनुसार ही होमवर्क दें.
द हिंदू में प्रकाशित खबर के अनुसार, जस्टिस एन किरुबाकरन ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी स्कूल को कक्षा पहली और दूसरी के छात्रों पर भाषा और गणित के अलावा किसी अन्य विषय लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. जस्टिस किरुबाकरन ने कहा, इसके अलावा कक्षा तीसरी और पांचवीं के लिए एकमात्र अतिरिक्त विषय पर्यावरण विज्ञान होना चाहिए.
न्यायालय ने केंद्र को आदेश दिए कि वह तय करे कि राज्य सरकार और केंद्र शासित राज्यों में फ्लाइंग स्कवॉड गठित किए जाएं, जोकि स्कूलों का निरीक्षण कर यह तय करें कि अदालत के आदेश का पालन हो रहा है या नहीं.
न्यायमूर्ति किरुबाकरन ने कहा कि "ना तो बच्चे वेटलिफ्टर्स हैं और ना ही स्कूल बैग लोड कंटेनर हैं. उन्होंने बच्चों के स्कूल बैग के भारी वजन को लेकर यह बात कही.
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मद्रास हाईकोर्ट ने कक्षा पहली-दूसरी के छात्रों के होमवर्क पर लगाई रोक, कहा- 'बच्चे वेटलिफ्टर नहीं'
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