Facebook ने तीन महीने में डिलीट कर दीं यूजर्स की 3 करोड़ पोस्ट

नई दिल्ली : Facebook को दुनियाभर में करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लगभग हर तरह की बहस होती है। मंगलवार को सोशल मीडिया दिग्गज ने कहा कि 2018 के पहले तीन महीनों में फेसबुक ने तकरीबन 3 करोड़ पोस्ट्स को सेक्सुअल या हिंसक तस्वीरों, आंतकी प्रॉपेगैंडा या नफरत फैलाने के चलते प्लैटफॉर्म से हटा दिया। कैंब्रिज ऐनालिटिका डेटा प्रिवेसी स्कैंडल के बाद पारदर्शिता को लेकर एक रिपोर्ट में फेसबुक ने अपने 'कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स' के तहत ऐसे कॉन्टेंट के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। फेसबुक ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से टेक्नॉलजी की मदद से करीब 3 करोड़ 40 लाख पोस्ट्स (ग्राफिक वॉइलेंस) पर कार्रवाई की गई। 2017 की आखिरी तिमाही की तुलना में यह करीब तीन गुना है। रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक द्वारा हटाए गए कॉन्टेंट में कुछ यूजर्स के लिए परेशान करने वाला कॉन्टेंट भी शामिल है जबकि वह फेसबुक स्टैंडर्ड्स के हिसाब से वॉइलेटिंग नहीं है। सुधरी हुई तकनीक की मदद से फेसबुक करीब 1.9 मिलियन ऐसी पोस्टेस के खिलाफ कार्रवाई कर सका जो टेररिस्ट प्रॉपेगेंडा को बढ़ावा देने वाले थे। कंपनी के मुताबिक, इन सबको बिना किसी अलर्ट के डिलीट कर दिया गया। इसका श्रेय कंपनी ने बेहतर हुई फोटो डिटेक्शन टेक्नॉलजी को दिया।फेसबुक ने इस दौरान करीब 2.5 मिलियन ऐसे कॉन्टेंट को हटाया जो लोगों के बीच नफरत का ज़हर घोलने वाले थे। फेसबुक ने खुद 38 प्रतिशत कॉन्टेंट को ही पहचाना, जबकि बाकी सबकी शिकायत फेसबुक यूजर्स द्वारा की गई थी। सबसे ज़्यादा पोस्ट्स जिनके बारे में फेसबुक यूजर्स ने अपनी चिंता जताई, वो है अडल्ट न्यूडिटी या सेक्सुअल ऐक्टिविटी। इसके अलावा चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को इस रिपोर्ट में कवर नहीं किया गया है। अक्टूबर-दिसंबर 2017 की तरह ही 2018 के पहले तीन महीनों में भी इस तरह की पोस्ट्स की संख्या करीब 21 मिलियन रही। फेसबुक की रिपोर्ट में कहा गया कि यूजर्स द्वारा चेतावनी दिए जाने से पहले ही फेसबुक ने करीब 85.6 प्रतिशत मामलों में तस्वीरों की पहचान कर ली। बता दें कि इस रिपोर्ट से पहले फेसबुक ने अपने प्लैटफॉर्म पर मौज़ूद करीब 200 ऐप्स को हटा दिया था। इन ऐप्स को यूज़र्स के निजी डेटा के गलत इस्तेमाल को लेकर की जा रही जांच के तहत हटाया गया है।
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment