लखनऊ
:सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली कराए जाने के
आदेश के बाद कुछ शिफ्ट होने की तैयारी में हैं तो कुछ अभी भी बंगला बचाने
का जुगाड़ कर रहे हैं। अभी तक जहां उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और
बीएसपी सुप्रीमो मायावती के नए ठिकाने की बात हो रही थी। वहीं अब अपने
सरकारी आवास के बाहर कांशीराम यादगार विश्राम स्थल का बोर्ड लगवाने के बाद
मामले में नया ट्विस्ट आ गया है
इस बोर्ड के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मायावती अभी भी बंगला छोड़ने की
फिराक में नहीं है। बता दें कि जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं तो उनके
बंगले के पास ही कांशीराम विश्राम स्थल हुआ करता था। बाद में कांशीराम
विश्राम स्थल को कथित रूप से उन्होंने अपने बंगले से जोड़ लिया। इसके पीछे
वजह यह थी कि उस वक्त कांशीराम विश्राम स्थल का मासिक किराया करीब 72 हजार
रुपये था, वहीं मायावती के बंगले का मासिक किराया 4212 रुपये।
तो यह है माया का प्लान
कथित रूप से किराये बचाने के लिए दोनों (बंगला और कांशीराम विश्राम स्थल)
को एकीकृत कर दिया गया। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बंगले खाली
करने की कवायद चल रही है, तो मायावती ने 13 ए, माल एवेन्यू के बाहर यह
बोर्ड लगवा दिया है। माना जा रहा है कि यदि इस बंगले को कांशीराम विश्राम
स्थल के नाम कर दिया जाता है तो मायावती को इसे खाली नहीं करना पड़ेगा।
हालांकि, उस स्थिति में उन्हें कांशीराम विश्राम स्थल का पूरा किराया
चुकाना पड़ेगा।
सरकारी बंगला खाली करने पर दूसरा विकल्प भी है तैयार
हालांकि खबर यह भी है कि मायावती ने विकल्प के तौर पर अपना नया ठिकाना 9,
माल एवेन्यू तैयार करा रही हैं। इसका रेनोवेशन भी शुरू हो चुका है। यह उनके
वर्तमान आवास 13, माल एवेन्यू के सामने और पार्टी कार्यालय 12, माल
एवेन्यू के पीछे स्थित है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 9, माल एवेन्यू
मायावती का निजी आवास है। उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री अपना पिछला कार्यकाल
खत्म होने से पहले इसे खरीदा था। हालांकि, उनके वर्तमान आवास से यह छोटा
है। अपने पिछले कार्यकाल में मायावती ने लखनऊ के कैंट में भी एक मकान खरीदा
था। उसमें गृह प्रवेश भी किया था, लेकिन बाद में बेच दिया था।
अगर मायावती अपने सरकारी आवास को खाली करना पड़ा तो वह यहीं शिफ्ट होंगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास खाली
करवाने का आदेश दिया है। इसके बाद राज्य के संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व
मुख्यमंत्रियों को 15 दिन में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस थमा दिया।
अखिलेश ने बंगला खाली करने के लिए मांगा अतिरिक्त समय
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य संपत्ति
अधिकारी से बंगला खाली करने के लिए और अधिक समय की मांग की है। अखिलेश के
निजी सचिव गजेंद्र सिंह ने राज्य संपत्ति अधिकारी को पत्र सौंपकर इसकी मांग
की है। बताया जा रहा है कि राज्य संपत्ति अधिकारी के स्टाफ ने अखिलेश के
निजी सचिव का पत्र प्राप्त कर लिया है। हालांकि अभी आगे की तस्वीर साफ नहीं
है।
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मायावती के सरकारी बंगले के बाहर लगा कांशीराम विश्राम स्थल का बोर्ड- former-chief-minister-of-uttar-pradesh
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