कर्नाटक चुनाव: कुमारस्वामी की पत्नी अनीता ने इस तरह लिखी जेडीएस की जीत की स्क्रिप्ट- h-d-kumarswamy-wife-anitha

बेंगलुरु: कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर सियासी घमासान भले ही शांत हो गया हो लेकिन जनता दल (सेक्युलर) के सामने अभी भी कई सवाल खड़े हैं। इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश में जुटी हैं होने वाले मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की पत्नी अनीता कुमारस्वामी, जो रामनगर सीट से मैदान में उतरने वाली हैं। अनीता इससे पहले भी चुनावी मैदान में अपना दमखम दिखा चुकी हैं। बता दें कि कुमारस्वामी ने चन्नपटना के अलावा रामनगर से चुनाव लड़ा था। अब वह चन्नपटना अपने पास रखेंगे और रामनगर पर उनकी जगह अनीता दावेदारी पेश करेंगी। अनीता इससे पहले 1996 में अपने कुमारस्वामी के लिए चुनाव प्रचार करने सामने आई थीं। तब कुमारस्वामी कनपुरा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे और जीत भी गए थे। अनीता अपने बेटे को अपनी मां के घर छोड़ चुनाव क्षेत्र के एक-एक गांव में प्रचार करने जाती थीं। पार्टी में बगावत को रोका अनीता पार्टी के लिए प्रचार करती रहीं और रामनगर के साथ ही चन्नपटना में प्रचार अभियान देखती रहीं। दोनों जगह पर कुमारस्वामी को विजय मिली। इस बार भी उन्होंने गांव-गांव जाकर स्थानीय नेताओं को साधा। इसके अलावा पार्टी के सूत्र पुराने मैसूर की भी कम से कम पांच सीटों पर जीत का श्रेय अनीता को देते हैं। यही नहीं, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस चामुंडेश्वरी सीट पर सिद्धारमैया को हराने वाले जीटी देवगौड़ा को अपनी ओर शामिल करना चाहती थी। वह अनीता ही थीं जिन्होंने देवगौड़ा की पत्नी और बेटे से मिलकर उन्हें समझाया कि वह पार्टी न बदलें। सूत्रों का कहना है कि अगर अनीता ऐसा नहीं करतीं तो पार्टी को बगावत देखनी पड़ती। 2008 में जीत का स्वाद उसके 12 साल बाद 2008 में मधुगिरी से अनीता ने चुनाव लड़ा और जीत गईं। एक विधायक के तौर पर वह काफी सामान्य जीवन व्यतीत करती रहीं। हालांकि, बाद में 2013 में चन्नपटना की सीट और 2014 में बेंगलुरु ग्रामीण सीट हार गईं। इस साल विधानसभा चुनाव में वह चन्नपटना से लड़ने वाली थीं लेकिन देवगौड़ा और कुमारस्वामी ने परिवार से ज्यादा लोगों को मैदान में उतारना ठीक नहीं समझा।
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