कर्नाटक में बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस ने जेडीएस को दिया समर्थन, शाम को गवर्नर से मुलाकात- karnataka-elections news

बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अब तक आए रुझान और नतीजों में BJP के बहुमत के पास आकर अटकने से स्थिति बेहद रोचक हो गई है। कांग्रेस ने मौके पर चौका मार बीजेपी को सत्ता हासिल करने से रोकने के लिए बड़ा दांव चला है। उसने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इस बीच बीजेपी ने भी सक्रिय होते हुए अपने तीन सीनियर नेताओं प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान को कर्नाटक रवाना कर दिया है। देवगौड़ा ने ऑफर स्वीकार कियाः आजाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने देवगौड़ा और कुमारस्वामी से बात की है। उन्होंने हमारे ऑफर को स्वीकार कर लिया है। उम्मीद है कि हम साथ होंगे। कांग्रेस के नेता जी. परमेश्वर ने कहा है, 'हम जनादेश को स्वीकार करते हैं। उसके समक्ष नतमस्तक हैं। सरकार बनाने के लिए हमारे पास आंकड़े नहीं है। ऐसे में कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जेडीएस को समर्थन देने की पेशकश की है।' कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि हम (कांग्रेस और जेडीएस) संयुक्त रूप से आज शाम को गवर्नर से मुलाकात करेंगे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि गवर्नर ने कहा है कि वह तब तक किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं करेंगे, जब तक चुनाव आयोग की ओर से नतीजों की पूरी जानकारी नहीं मिल जाती। जानिए अब क्या हो सकता है कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं, जिनमें 222 पर मतदान हुआ है। ऐसे में बहुमत के लिए अभी 112 और बची 2 सीटों पर भी चुनाव होने पर 113 सीटों की दरकार होगी। अब तक रुझान और नतीजों में बीजेपी के पास 104, कांग्रेस के पास 78, जेडीएस के पास 37, बीएसपी के पास 1 और अन्य के पास 2 सीटें हैं। गौर करने वाली बात यह है कि अभी पूरे नतीजे नहीं आए हैं और अधिकतर के रुझान ही सामने हैं। ऐसे में यह आंकड़ा घट-बढ़ भी सकता है। जानिए ऐसी स्थिति में क्या है सरकार बनने की संभावनाएं... BJP का क्या है सत्ता समीकरणः यदि कर्नाटक जनता पार्टी, बीएसपी और एक अन्य बीजेपी को समर्थन करते हैं तो वह 107 पर पहुंचेगी, लेकिन बहुमत से तब भी 5 सीट दूर ही रहेगी। ऐसे में यदि बीजेपी को बहुमत जुटाना है तो उसे जेडीएस को साथ लेना ही होगा। या फिर जोड़तोड़ करनो होगा। ऐसी स्थिति में वह कांग्रेस के कुछ विधायकों को पाले में करते हुए उनसे इस्तीफा दिलाने का दांव चल सकती है। ऐसे में उन सीटों पर फिर चुनाव होगा और जीत हासिल कर बहुमत जुटाया जा सकेगा।
Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment