ब्रिटेन से अवैध भारतीयों की घर वापसी वाले करार को पीएम मोदी ने कहा न- pm-narendra-modi

नाओमी कैंटन, लंदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन में अवैध रूप से रह रहे हजारों भारतीय प्रवासियों की घर वापसी से जुड़े करार (MoU) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। दरअसल, ब्रिटेन द्वारा भारतीयों को आसानी से वीजा न दिए जाने की वजह से पीएम मोदी ने यह फैसला लिया। लंदन में भारतीय दूतावास के सूत्रों ने हमारे सहयोगी TOI को बताया कि इसी साल जनवरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने इस द्विपक्षीय समझौते की शुरुआत की थी लेकिन जब अप्रैल में पीएम मोदी लंदन गए तो उन्होंने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए क्योंकि भारत को ब्रिटेन की तरफ इस समझौते को लेकर कोई प्रगति नहीं दिखी। यह डील पीएम मोदी की यात्रा के दौरान एक मुख्य द्विपक्षीय समझौता मानी जा रही थी। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीजा मे जब नवंबर 2017 में भारत आई थीं तो उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि यूके वीजा देने की प्रक्रिया को लेकर सुधार करेगा, अगर इस दौरान उन भारतीयों की वापसी में तेजी आती है जिन्हें यूके में रहने का हक नहीं है। बुधवार को गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'इस MoU के लिए इमिग्रेशन मिनिस्टर कैरोलीन नोक्स और भारतीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने 11 जनवरी को पहल की थी...ताकि यूके में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की जल्द से जल्द स्वदेश वापसी हो।' भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने TOI को बताया, 'जब टरीजा मे भारत गई तीं तो उन्होंने कहा था कि भारतीयों की वापसी में तेजी से भारतीयों को यूके के वीजा मिलने भी तेजी आएगी, लेकिन हम ऐसा देख नहीं रहे हैं। यूके स्पाउज वीजा देने से इनकार कर रहा है, छोटे समय के लिए वीजा नहीं दिए जा रहे। हमें एक शत्रुतापूर्ण वातावरण देखने को मिल रहा है। हमें माइग्रेशन में आसानी चाहिए। खासकर भारतीय स्टूडेंट और यहां कंपनियों में काम करने के लिए आने वालों के लिए छोटे समयावधि के वीजा देने में तेजी लानी चाहिए।' उन्होंने चीन को 2 साल के लिए मल्टीपल-एंट्री विजिट वीजा का हवाला देते हुए कहा, 'हमें एक बेहतर वीजा प्रणाली चाहिए। अगर वे चीन के लोगों को दे सकते हैं तो भारतीयों को क्यों नहीं?' अधिकारी ने बताया कि समझौते पर हस्ताक्षर न किए जाने का एक और कारण यह है कि MoU पर लोगों की पहचान के लिए जो समयावधि दी गई है वह व्यावहारिक नहीं है। MoU के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों को 70 दिनों यूके में रह रहे संदिग्ध अवैध भारतीय प्रवासी की पहचान करनी है।
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