विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को विदेश मंत्रालय के पिछले चार साल का
ब्योरा देश के सामने रखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने विदेश नीति को लोक
नीति बनाया, मैं खुद ट्विटर पर लोगों के संपर्क में रहती हूं. सुषमा ने
कहा कि लोगों की शिकायत आने पर ना तो मैं खुद सोती हूं और ना ही अपने
राजदूतों को सोने देती हूं. गौरतलब है कि पिछले चार साल में ऐसे कई मौके
आएं हैं जब सुषमा ने ट्विटर के जरिए ही लोगों की मदद की है.
कांग्रेस पर जमकर बोला हमला
कांग्रेस द्वारा विदेश नीति पर लगाए गए आरोपों पर सुषमा ने पलटवार किया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय पर विदेश नीति सिर्फ कुछ खास लोगों के लिए
थी, लेकिन हमने विदेश नीति को लोक नीति बना दिया है. मैं खुद सीधा ट्विटर
के जरिए लोगों के संपर्क में रहती हूं, फिर चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने
में मुसीबत में हों.
... पहले डांटा, फिर की मदद
अभी हाल ही में जब एक व्यक्ति ने ट्विटर पर सुषमा स्वराज से मदद मांगी तो
उन्होंने पहले मना कर दिया. उन्होंने कहा कि आपकी लोकेशन 'भारत प्रशासित
कश्मीर' है, ऐसी कोई जगह है नहीं इसलिए आपकी मदद नहीं की जा सकती है. अगर
आप जम्मू-कश्मीर से होते तो ये जरूर संभव होता.सुषमा के इस जवाब के बाद
शिकायतकर्ता ने तुरंत अपनी लोकेशन को बदलकर जम्मू-कश्मीर किया और फिर सुषमा
ने उनकी मदद के लिए निर्देश दे दिया. इसी साल जनवरी में सुषमा स्वराज ने
एक भारतीय महिला की उसके बेटे का शव लाने में मदद की. दरअसल, महिला अपने
बेटे के साथ आस्ट्रेलिया से भारत आ रही थी, लेकिन कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय
हवाईअड्डे पर अचानक उसके बेटे की मौत हो गई. एक नेटिजन ने ट्वीट के जरिए
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस घटना के बारे में अवगत कराया.
ट्वीट के बाद सुषमा ने कुआलालंपुर स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए मदद का
आश्वासन दिया. कहा कि शव सरकार के खर्चे पर भारत लाया जाएगा. उन्होंने बाद
में ट्वीट किया, ‘भारतीय उच्चायोग के अधिकारी मां और उसके बेटे के शव के
साथ मलेशिया से चेन्नई आ रहे हैं. शोक संपतप्त परिवार के प्रति मेरी
संवेदनाएं.’
आपको बता दें कि ट्विटर पर सुषमा स्वराज भारत में सबसे ज्यादा फॉलो की जाने
वाली महिला नेताओं में से एक हैं. ट्विटर पर उनके एक करोड़ दस लाख से भी
अधिक फॉलोवर हैं.
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लोगों की शिकायत देखती हूं तो न खुद सोती हूं न राजदूतों को सोने देती हूं: सुषमा- sushma-swaraj-twitter-help
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