कांग्रेस
अध्यक्ष राहुल गांधी आज अपना 48वां बर्थडे मना रहे हैं. उनका जन्म 19 जून
1970 को हुआ था.राहुल गांधी आज कांग्रेस पार्टी में सर्वोच्च पद पर काबिज
हैं, लेकिन राहुल गांधी का यहां तक का सफर इतना आसान नहीं भी था.
राहुल गांधी जब 14 साल के थे तब उनकी दादी इंदिरा गांधी को उनके ही
अंगरक्षकों ने गोली मार दी थी. खुद राहुल कई बार कह चुके हैं कि इस घटना का
असर उनपर काफी गहरा पड़ा. प्रियंका, राहुल दोनों ही इंदिरा के काफी दुलारे
थेइंदिरा गांधी की मौत का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने एक बार कहा था कि
'मुझे बैडमिंटन खेलना पसंद था. इससे मुझे इस मुश्किल दुनिया में संतुलन
मिलता था. मेरी दादी के घर में मुझे बैडमिंटन सिखाने वाले दो पुलिसवाले थे
जो मेरी दादी की सुरक्षा में तैनात थे और मेरे दोस्त थे और एक दिन उन्होंने
ही मेरी दादी को मार डाला और मेरे जीवन संतुलन छीन लिया'. 20. 1991 में
राहुल की उम्र 21 साल की थी तब उन्हें अपने पिता राजीव गांधी की चिता को
आग देनी पड़ी थी.इन घटनाओं से उबरकर राहुल गांधी 2004 में 34 साल की उम्र
में पहली बार अमेठी से सांसद बने.राजनीति करियर के शुरुआत में उनकी छवि
कभी अनिच्छुक योद्धा तो कभी अहंकारी नेता की रही. विपक्षी खेमे ने कई बार
मीम बनाकर तो कई बार भाषणों में उनपर जोक बनाकर उनपर जमकर वार किए.हालांकि
राहुल गांधी ने धीरे धीरे राजनीति में खुद को साबित करने की कोशिश की.
सबसे ज्यादा चर्चा 2013 में उनके द्वारा अपने ही सरकार के एक अध्यादेश
फाड़ने की हुई. 2013 में दाग़ी नेताओं के बचाव में अपनी ही सरकार के
अध्यादेश को वे शर्मनाक बताते हुए फाड़ दी थी.राहुल गांधी ने सेंट स्टीफन
कॉलेज दिल्ली, हार्वर्ड कॉलेज और रोलिन कॉलेज फ्लोरिडा और कैम्ब्रिज
विश्वविद्यालय से पढ़ार्इ की है.जनवरी 2013 में, राहुल गांधी ने भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष के रूप में पद संभाला था. हालांकि इसके
बाद राहुल गांधी को 30 से ज्यादा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा
है.राहुल का ननिहाल इटली का एक छोटा सा शहर लुजीआना है. राहुल की मां यानी
सोनिया गांधी का जन्मस्थान यही है. यह शहर वेनिस से करीब 100 किलोमीटर दूर
है.राहुल गांधी ने कहा था कि वह एकीडो (Aikido) में ब्लैक बेल्ट हैं.
एकीडो जापानी मार्शल आर्ट है. राहुल गांधी को बैडमिंटन खेलने में भी
दिलचस्पी है.राहुल गांधी पढ़ाई खत्म करने के बाद वह ब्रिटेन में
मैनेजमेंट कंसल्टेंट की जॉब कर चुके हैं.राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष की
ताजपोशी के बाद पार्टी में कई तरह के बदलाव देखे गए हैं. पूर्व अध्यक्ष
सोनिया गांधी की राजनीतिक सक्रियता अब कम हुई है और राहुल फ्रंटफुट पर आकर
पार्टी को आगे बढ़ा रहे हैं. राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनने की बधाई देते
हुए सोनिया गांधी ने कहा था कि 'अब वह उनके भी बॉस हैं'
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हार्वर्ड-कैम्ब्रिज में पढ़ाई, 14 साल के सियासी सफर में ऐसे बदलते गए राहुल गांधी- rahul-gandhi-birthday-special-lifestyle
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