2019: विपक्षी एकता की एक और कोशिश, शरद पवार से मिले राहुल गांधी

नई दिल्ली :साल 2019 के मद्देनजर जहां एक ओर बीजेपी के तमाम नेता देश के विभिन्न लोगों से संपर्क कर पिछले चार साल की मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने और समझाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी एकजुटता को मजबूत बनाने की कवायद में लगा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों विपक्ष के बड़े नेताओं से विचार-विमर्श कर रहे हैं। इसी संदर्भ में उनकी मुलाकात एनसीपी चीफ शरद पवार से भी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने पवार से मिलना चाहा। राहुल से मिलने के लिए शरद पवार सिर्फ एक दिन के लिए मुंबई से दिल्ली आए। राहुल पवार से मिलने उनके जनपथ स्थित सरकारी आवास पहुंचे। बताया जाता है कि दोनों में लगभग 45 मिनट से ज्यादा बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक, पवार और राहुल के बीच विपक्ष की आगामी रणनीति को लेकर खासी चर्चा हुई। बताया जाता है कि महाराष्ट्र के इस दिग्गज नेता ने राहुल को कुछ अहम टिप्स भी दिए हैं। पवार का सुझाव, राहुल का आक्रामक प्रचार चालू रहे पवार ने राहुल गांधी से कहा कि वह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर अपना पूरा फोकस करें। अगर इन तीन राज्यों में बीजेपी को हटाकर कांग्रेस सत्ता में आती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में निर्विवाद रूप से न सिर्फ कांग्रेस मजबूत होगी, बल्कि राहुल का कद भी बढ़ेगा। पवार का सुझाव था कि आगामी तीन राज्यों के राहुल उसी तरह का आक्रामक चुनाव अभियान करें, जैसा उन्होंने गुजरात व कर्नाटक में किया है। इतना ही नहीं, इन तीन राज्यों के असेंबली चुनाव 2019 की लोकसभा चुनाव के रणनीति की नींव डालेंगे। सूत्रों के मुताबिक पवार ने राहुल से कहा कि अगर कांग्रेस इन राज्यों में बीजेपी को शिकस्त देती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व कर्नाटक जैसे राज्यों में कांग्रेस मजबूती से ऊपर आ सकती है, क्योंकि इन जगहों पर कांग्रेस का ठीकठाक जनाधार है। गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं था, जब राहुल पवार से मिले हों। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी बीच-बीच में पवार से मिलते रहते हैं। उल्लेखनीय है कि राहुल का शरद पवार से लगातार मिलना इस बात का बड़ा संकेत है कि राहुल गांधी विपक्ष की एकता को लेकर गंभीर हैं और वह पवार के लंबे अनुभव का वह फायदा उठाना चाहते हैं। शरद पवार का साथ राहुल, विपक्षी एकता के लिए फायदेमंद 2019 तक देश के सियासी समीकरण लगातार बदलते नजर आएंगे। इस बीच सबकी नजरें विपक्षी एकता को लेकर हो रही कोशिशों पर टिकी हैं। ऐसे में राहुल गांधी व शरद पवार अगर एक होकर सोचते हैं तो इसका फायदा कांग्रेस को भी हो सकता है। दरअसल विपक्ष के ऐसे तमाम नेता हैं, जो फिलहाल राहुल के साथ सहज नहीं हैं, लेकिन शरद पवार का सभी सम्मान करते हैं, फिर चाहे वह ममता बनर्जी हों या कोई और। ऐसे में राहुल को पवार की मदद से विपक्षी दलों को एकसाथ लाने में मदद मिल सकती है। आपको बता दें कि पिछले महीनों जब ममता बनर्जी दिल्ली आकर तीसरे मोर्चे के लिए तमाम विपक्षी दलों से मिल रही थीं, तो तृणमूल सुप्रीमो के साथ हुई अपनी मुलाकात में पवार ने कहा था कि कांग्रेस को छोड़कर विपक्षी एकता की बात करना ठीक नहीं होगा। दूसरी ओर एनसीपी महाराष्ट्र को लेकर पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह कांग्रेस के साथ तालमेल के लिए तैयार है।
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