इफ्तार के बहाने समाजवादी कुनबे को एकजुट करते नजर आए अखिलेश यादव- akhilesh-yadav-is-seen-uniting-the-his-family

लखनऊ :वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलश यादव ने पार्टी के बाहर और अंदर के समीकरण दुरुस्‍त करने शुरू कर दिए हैं। अखिलेश ने बीजेपी को मात देने के लिए जहां लोकसभा चुनाव में अपनी 'बुआ' मायावती के साथ गठजोड़ का ऐलान किया है वहीं सोमवार को वह इफ्तार पार्टी के बहाने 'समाजवादी कुनबे' को एकजुट करते नजर आए। मजेदार बात यह रही कि जिस होटेल में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया वहीं पर अखिलेश के 'अंकल' अमर सिंह भी मौजूद थे लेकिन वह इफ्तार में नहीं गए।समाजवादी पार्टी का रोजा इफ्तार इस बार लखनऊ के पांच सितारा होटेल में हुआ। रोजा इफ्तार के बहाने समाजवादी परिवार फिर से एकजुट दिखाई पड़ा। इफ्तार के दौरान एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव एक साथ नजर आए। कभी अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ 'सियासी जंग' लड़ने वाले अखिलेश यादव ने पहले इफ्तार के दौरान उन्‍हें रिसीव किया और फिर बाद में उन्हें दरवाजे तक छोड़ने भी आए। इफ्तार में नजर नहीं आए आजम खां अखिलेश यादव दुपल्ली टोपी में सभी का इस्तकबाल कर रहे थे। उन्होंने खुद सभी मौलाना के पास जाकर उनका कुशलक्षेम पूछा। रोजा इफ्तार में खासतौर पर हजरत मौलाना सईदुर्रहमान आजमी, जनाब फखरूद्दीन अशरफ, ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना फजलुरर्रहमान बाइजी समेत तमाम मौलाना मौजूद थे। पार्टी की ओर से पूर्व मंत्री मो. आजम खां को छोड़कर ज्यादातर बड़े नेता मौजूद रहे। होटेल पहुंचकर भी इफ्तार में नहीं गए अमर सिंह इसे संयोग कहें या सोची-समझी रणनीति समाजवादी परिवार में झगड़े की जड़ कहे जाने वाले अमर सिंह भी सोमवार रात उसी होटेल में पहुंचे जहां पर एसपी की ओर से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था। अमर सिंह के पहुंचते हुए अटकले लगनी शुरू हो गईं लेकिन देर रात तक वह इफ्तार में शामिल नहीं हुए। इससे पहले सोमवार को अमर सिंह ने अखिलेश यादव पर बंगले को लेकर बहुत तीखा हमला बोला था।अमर सिंह ने विडियो संदेश में अखिलेश यादव से कहा, 'आप हिसाब दीजिए जनता को कि सौ एसी कैसे थी, स्वीमिंग पूल कैसे था। अगर यह सब आपके पैसे से था तो यह पैसा आपने कैसे कमाया। खेती से कमाया या इटावा के कोल्ड स्टोरेज से कमाया था। इस पैसे का फ्लो क्या। अगर सरकार का था तो सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आपको क्या अधिकार है। इस तरह के घटिया और बेहूदा व्यक्ति को, जिसका मन इतना छोटा है, ऐसे लोगों के लिए ही अटल बिहारी वाजपेयीजी ने कहा है कि छोटे मन से कोई राजनीति नहीं होती और कोई बड़ा काम नहीं होता है। आपको अपना पिता पसंद नहीं, अपना परिवार पसंद नहीं है और अपना बंगला भी तब पसंद नहीं जब सुप्रीम कोर्ट उसे आपसे छीन ले, तो यह बाल हठ कब छोड़ेंगे आप।'
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