अब भी रूस के 'चोटी के पांच दोस्तों' में शामिल है भारत- india-still-among-top-five-friends-of-russia



नई दिल्ली: जानकार भारत और रूस के मौजूदा संबंधों में ठहराव की बात करते हैं। कहा जाता है कि अब इनमें पहले जैसी बात नहीं रही लेकिन भारत अब भी रूस के चोटी के 'पांच' दोस्तों में शामिल है। मॉस्को के एक प्रतिष्ठित थिंक टैंक ने एक ओपिनियन पोल के बाद यह बात कही है। रूस के पाकिस्तान के करीब जाने का पोल में इसका भी जवाब दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान अभी रूसी चेतना के करीब नहीं पहुंचा है। रूस की एकमात्र गैर-सरकारी चुनावकर्ता संस्था 'लवादा सेंटर' ने यह पोल किया था। लवादा सेंटर को क्रेमलिन (रूसी संसद) ने 2016 में 'विदेशी एजेंट' करार दिया था। यह संस्था अपने पोल के लिए जानी जाती है। इनका ताजा ओपिनियन पोल जो 2017 में किया गया था, अब सामने आया है। इसमें रूसी नागरिक बेलारूस को अपने देश का सबसे करीबी सहयोगी मानते हैं। इसके बाद चीन, कजाखिस्तान, सीरिया और भारत का नंबर आता है। एक ओर भारतीय अब भी यह समझते हैं कि भारत और रूस की दोस्ती बहुत मजबूत है वहीं यह बात भी देखने वाली है कि चीन अब रूस का ज्यादा करीबी सहयोगी है। सरकारी स्तर पर रूस और चीन की करीबी किसी से छुपी नहीं है लेकिन इस पोल से यह साबित होता है कि लोगों की राय भी अब ज्यादा अलग नहीं है। कुछ सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकात के अनौपचारिक मुलाकात के बाद भारत और रूस के ठंडे पड़े संबंधों को नया जीवन मिला। इस दौरान दोनों नेताओं ने काफी वक्त साथ बिताया और रणनीतिक चर्चा की। रूस के चोटी के दुश्मनों की बात करें तो पोल में अमेरिका का नाम सबसे ऊपर आया। इसमें भी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नाम चोटी पर रहा। इसके बाद यूक्रेन, लातविया, लुथानिया और जर्मनी का नंबर आया। अफगानिस्तान का नाम भी इस लिस्ट में शामिल रहा हालांकि अब माना जा रहा है कि रूसी प्रशासन अब तालिबान के साथ काफी निकटता से काम कर रहा है। एक और बात जो इस पोल में सामने आई वह यह कि सामान्य रूसी नागरिक इस्लामी अतिवाद और एक महत्वपूर्ण डर/शत्रु के रूप में देखता है। उनकी नजर में ट्रंप, यूक्रेन, यूरोप, आईएसआईएस और कट्टरपंथी इस्लाम व भ्रष्टाचार रूस के सबसे बड़े शत्रु हैं।



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