धर्म के नाम पर अपमान: पासपोर्ट अधिकारी का तबादला, दंपती को मिला पासपोर्ट- passport-officer-vikas-mishra-transferred

लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट ऑफिस में तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी से हुई बदसलूकी के मामले में कार्रवाई करते हुए रीजन पासपोर्ट अधिकारी ने आरोपी विकास मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया, साथ ही घटना पर उनसे जवाब तलब किया गया है। गुरुवार को मामले पर सफाई देते हुए रीजनल पासपोर्ट अधिकारी पूरे घटनाक्रम पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि पुराने मैनुअल के हिसाब से पासपोर्ट में पति या पत्नी का नाम जुड़वाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट देना होता था। संभव हो विकास मिश्रा को इस संबंध में जानकारी न हो, इसलिए यह स्थित पैदा हुई। फिलहाल तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी को उनके पासपोर्ट दे दिए गए हैं। आरोपी अधिकारी विकास मिश्रा का ट्रांसफर करने के साथ घटना पर जवाब मांगा गया है। ऐसा दोबारा न हो इसलिए सभी पासपोर्ट अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि बुधवार को पासपोर्ट रिन्यू कराने गई तन्वी सेठ से पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने मुस्लिम से शादी करने पर बदसलूकी की थी। विकास मिश्रा ने तन्वी सेठ को अपना नाम बदलवाकर आने को कहा था। इस मामले की शिकायत तन्वी ने ट्वीटर के जरिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की थी। जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट रीजनल कार्यालय पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी थी।तन्वी के मुताबिक, उन्होंने और उनके पति अनस सिद्दीकी ने पासपोर्ट के लिए समस्त जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था। पति का पासपोर्ट रीन्यू होना था। उन्हें रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट ऑफिस में अपॉइंटमेंट दिया गया। वे समय पर पहुंचीं, सभी काउंटर पर क्लीयरेंस मिलने के बाद उन्हें सी5 काउंटर पर बुलाया गया जहां विकास मिश्रा बैठे थे। उन्होंने दस्तावेज जांचते हुए आश्चर्य जताया कि अनस सिद्दीकी की पत्नी का नाम तन्वी सेठ कैसे हो सकता है? तन्वी के अनुसार उन्होंने कहा कि ‘शादी के बाद नाम बदलें या नहीं, यह उनकी मर्जी पर है। वे 12 साल से शादीशुदा हैं और नाम नहीं बदला है। सभी दस्तावेज उनके तन्वी नाम पर ही हैं। ऐसा कोई कानून नहीं है कि शादी के बाद लड़की को उसका नाम बदलना ही होगा।’ इस पर मिश्रा ने उन्हें कहा कि शादी के बाद नाम बदलवाना उनकी ड्यूटी थी, हर लड़की को यह करना पड़ता है। तन्वी के अनुसार वे काफी देर तेज आवाज में अभद्रता से बहस करते रहे। इससे आसपास के लोग भी तमाशा देखने लगे और उन्हें बहुत असहज महसूस हुआ। मिश्रा ने उन्हें एपीओ ऑफिस जाने के लिए कहा।
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