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दिल्ली: देश में रिलायंस जियो की टेलीकॉम सेक्टर के बाद कई कंपनियों को
प्राइस वॉर की भेंट चढ़ना पड़ा. उनमें से एक है एयरसेल. इस टेलीकॉम कंपनी
का भारत में अच्छा मार्केट था. लेकिन, आज यह बंद हो चुकी है. इसके यूजर्स
दूसरी कंपनियों में कन्वर्ट कर दिए गए हैं. लेकिन, कंपनी के बंद होने की
मार सबसे ज्यादा कहीं पड़ी है तो वह इसके कर्मचारी हैं. कंपनी के
कर्मचारियों के पास गुजारे के लिए पैसे भी नहीं हैं. ज्यादातर एम्प्लॉइज को
मार्च से सैलरी नहीं मिली है. आलम यह है कि यह कर्मचारी शहर छोड़ने तक को
मजबूर हैं.
कर्मचारियों के पास नहीं है गुजारे के पैसे
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, दिवालिया घोषित हो चुकी एयरसेल के
3000 कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें मार्च से सैलरी नहीं मिली है. इनके पास
कोई काम भी नहीं है. हालांकि, कर्मचारी एक दूसरे के साथ रोजाना वक्त
गुजारते हैं. दूसरी कंपनियों में इटंरव्यू के लिए एक दूसरे की मदद करते
हैं. कंपनी या अंतरिम रेजॉलूशन प्रफेशनल (IRP) से मिलने वाली जानकारी भी
आपस में शेयर करते हैं. एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि
उनके पास अब सिर्फ दो महीने का खर्च चलाने लायक ही पैसा बचा है.25% कम
सैलरी पर काम करने को मजबूर
एयरसेल में काम करने वाले कर्मचारियों की हालत यह है कि वह मौजूदा सैलरी से
25 फीसदी कम सैलरी पर काम करने को तैयार हैं. एक कर्मचारी बताते हैं कि
उनके ऊपर तीन बच्चों की जिम्मेदारी है. जल्द ही नौकरी नहीं मिली तो वह अपने
होम टाउन लौट जाएंगे. दरअसल, बिना कमाई के इस शहर में रहना मुमकिन नहीं
है. टेलीकॉम कंपनी के 3000 कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें 12 मार्च के बाद से
सैलरी नहीं मिली है. ये लोग रोज ऑफिस आते हैं. सहयोगियों से दूसरी कंपनी
में इंटरव्यू पर चर्चा करते हैं. लेकिन, अब तक मजबूर हैं.बंद है ज्यादातर
ऑफिस
एयरसेल ने मार्च में दिवालिया होने की अर्जी एनसीएलटी में दी थी. उसके बाद
मार्च के अंत में कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर कामकाज बंद कर दिया.
एयरसेल में दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम उत्तर प्रदेश रीजन के
एचआर हेड विवेक कुमार के मुताबिक, अभी सभी सर्किल में कामकाज बंद है. कई
ऑफिस भी बंद कर दिए गए हैं. एयरसेल के एंप्लॉयीज की हालत बहुत खराब है. बता
दें, एयरसेल पर 50000 करोड़ का कर्ज है.
सैलरी पर एयरसेल की सफाई
कर्मचारियों को सैलरी देने के बारे में एयरसेल ने कहा कि पेरोल डिपार्टमेंट
में स्टाफ की कमी के चलते इसमें देरी हो रही है. एम्प्लॉइज को 16 मई को एक
लेटर भेजा गया था. जिसमें यह कहा गया था कि पेरोल स्टाफ की कमी है,
हायरिंग की कोशिश हो रही है. इसलिए सैलरी मिलने में देरी हो सकती है. सैलरी
की आस में टेलीकॉम कंपनी के कुछ एम्प्लॉइज अभी तक कंपनी में बने हुए हैं.
कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें कम से कम फूड कूपन ही दिए जाए, ताकि वह
खाने-पीने का सामान खरीद सकें. फूड कूपन भी उनकी सैलरी का ही हिस्सा हैं.
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बंद हुई देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनी, कर्मचारियों के पास सिर्फ महीनेभर गुजारे का पैसा- telecom-company-aircel
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