मराठा आरक्षण के लिए पंकजा मुंडे को 1 घंटे के लिए सीएम बनाएं: शिवसेना-shivsena-attacks-on-bjp-because-of-maratha-reservation

मुंबई: आपको अनिल कपूर की नायक मूवी तो याद ही होगी जिसमें हीरो 24 घंटे के लिए सीएम बन तस्वीर ही बदल देता है। हालांकि व्यावहारिक राजनीति में ऐसा मुमकिन नहीं लेकिन मराठा आरक्षण को लेकर सुलग रही महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना 'नायक' फिल्म टाइप फॉर्म्युले की सलाह देकर बीजेपी पर निशाना साधती दिख रही है। दरअसल यह मामला फडणवीस कैबिनेट में मंत्री पंकजा मुंडे के उस बयान के बाद खड़ा हुआ है जिसमें उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण की फाइल उनके पास आती तो वह तुरंत मंजूरी दे देतीं। अब शिवसेना ने शनिवार को सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तंज कसते हुए सुझाव दिया है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे को सर्वसम्मति से 1 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बना दिया जाए ताकि मराठा आरक्षण की फाइल को मंजूरी दी जा सके। पंकजा मुंडे महाराष्ट्र की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदा कैबिनेट सहयोगी के बयान का समर्थन करते हुए शिवसेना ने कहा कि यदि मुंडे एक घंटे के लिए मुख्यमंत्री बनती हैं तो कोई बाधा नहीं आएगी। वह पलक झपकते ही फाइल पर हस्ताक्षर कर देंगी और इसके बाद मराठा आरक्षण का मुद्दा शांत हो सकता है। सर्वदलीय मीटिंग के बाद बोले सीएम फडणवीस सीएम फडणवीस ने मराठा आरक्षण पर अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा, 'हमारी सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए कानून बनाया था लेकिन हाई कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी। हमें लगता है कि यह एक विशेष केस है और पिछड़ा आयोग की सलाह पर आरक्षण दिया जा सकता है। दुर्भाग्यवश आयोग के पहले मुखिया की मृत्यु हो गई और दूसरे अध्यक्ष की नियुक्ति में काफी वक्त लग गया।' पीएम मोदी पर शिवसेना ने कसा तंज शिवसेना ने कहा, ‘जैसा कि मुंडे दावा कर रही हैं, अगर वह ऐसा कर सकती हैं तो फडणवीस क्यों नहीं?’ शिवसेना की यह तीखी टिप्पणी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में प्रकाशित हुई है। मुंडे ने कहा था कि इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी संपर्क किया, जिसके बाद मुंडे के बयान को व्यापक रूप देते हुए शिवसेना ने कहा कि फडणवीस ऐसा क्यों नहीं करते। शिवसेना ने कहा, ‘मोदी अधिकांश समय दिल्ली से बाहर रहते हैं... उनकी देश व राज्यों की समस्याओं में कोई दिलचस्पी नहीं है...अधिकांश समय वह विदेशों में रहते हैं इसलिए फडणवीस सोच रहे होंगे कि अगर वह दिल्ली भी जाते हैं तो वहां किससे मदद मांगेंगे।’ फडणवीस के बचाव में उतरे राणे नारायण राणे शुक्रवार को मुख्यमंत्री के बचाव में आगे आए। उन्होंने कहा कि सरकार मराठा समाज को आरक्षण दे सकती है, इसके लिए वह मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं, लेकिन पहले समाज के लोगों से हिंसक रास्ता छोड़ना होगा। गौरतलब है कि कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सरकार में मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए एक समिति बनाई गई थी, जिसके अध्यक्ष नारायण राणे थे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने मराठा समाज को 16 प्रतिशत आरक्षण देने का अध्यादेश जारी किया था। बाद में इस पर कोर्ट ने स्थगन दे दिया था। आर्थिक आधार पर दो आरक्षण: राज ठाकरे पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि आरक्षण जाति आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। राज ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करते थे। अब सत्ता में आए उन्हें चार साल हो गए, लेकिन अब तक आरक्षण नहीं दिया। आज की सरकार हो या पिछली सरकार दोनों जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही हैं।
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