10 लाख युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने की खबर का केंद्र सरकार ने किया खंडन-modi-govt-denies-report-to-planning-to-military-training

देश में 'अनुशासन और राष्ट्रवाद' को बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 लाख युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने की खबर को खुद केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. सरकार का कहना है कि इस तरह की कोई योजना नहीं है और जो भी खबरें मीडिया में चल रही है वो सत्य से परे है. युवा मामलों के मंत्रालय ने खबर को खारिज करते हुए इसे बिना तथ्य के सनसनी फैलाने का हथकंडा करार दिया. मंत्रालय की ओर से कहा कि सरकार का इस तरह की ट्रेनिंग देने का कोई प्लान नहीं है और खबर गलत तरीके से फैलाया गया है. सरकार का लक्ष्य केवल और केवल NSS और NCC को मजबूत करना है. मंत्रालय ने कहा कि NSS और NCC को और मजबूत बनाने के लिए युवा मामलों के मंत्रालय काम कर रहा है. सरकार ये देख रही है कि NCC और बेहतर कैसे बनाया जा सके, पूर्व शिक्षा सचिव अनिल स्वरुप की अगुवाई में इन दोनों युवा संस्थानों को सुधारने और मजबूत करने का काम किया जा रहा है. मंगलवार को आई थी ये खबर दरअसल मंगलवार को खबर आई कि केंद्र की मोदी सरकार 'अनुशासन और राष्ट्रवाद' को बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 लाख युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है. भारतीय जनसांख्यिकी का फायदा उठाने के लिए नेशनल यूथ एमपावरमेंट स्कीम यानी N-YES के तहत इन युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देने की योजना पर विचार चल रहा है. मोदी सरकार हर साल 10 लाख युवाओं को देगी सैन्य प्रशिक्षण PMO में बैठक की भी खबर इसमें कक्षा 10 और कक्षा 12 में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट को शामिल किया जाएगा. इस योजना के तहत सरकार इन युवाओं को 12 महीने तक एक निश्चित स्टाइपेंड भी देगी. इसके अलावा डिफेंस, पैरामिलिट्री और पुलिस में भर्ती होने वालों के लिए यह प्रशिक्षण अनिवार्य बनाया जाएगा. इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस प्रस्तावित योजना पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई थी. इसमें डिफेंस मिनिस्ट्री, डिपार्टमेंट ऑफ यूथ अफेयर्स और मानव संसाधन मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. लेकिन अब सरकार इस खबर को सिरे से खारिज कर दिया है. कहा जा रहा था कि इस बैठक के दौरान कुछ अधिकारियों ने N-YES के तहत आरक्षण देने के मुद्दे को उठाया, तो किसी ने इस योजना की बजाय राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और एनएसएस का विस्तार करने व मजबूत करने की बात कही. इस योजना के जरिए युवाओं में राष्ट्रवाद, अनुशासन और आत्मसम्मान को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे भारत को विश्वगुरु बनाने और पीएम मोदी के न्यू इंडिया 2022 विजन को हासिल करने में मदद मिलेगी. इसके तहत युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण के साथ ही वोकेशनल, आईटी स्किल और आपदा प्रबंधन का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा योग, आयुर्वेद और प्राचीन भारतीय दर्शन के मूल्यों की जानकारी व ट्रेनिंग दी जाएगी. यह प्रशिक्षण एक साल का होगा.
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