पाकिस्तान
में 25 जुलाई को मतदान हुए थे। शुरुआती रुझान में क्रिकेटर से नेता बने
इमरान खान का नाम सबसे आगे चल रहा है। उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ 113 सीटों
पर जीत हासिल कर चुकी है। कुछ समय में यह पता चल जाएगा कि पाकिस्तान की
आवाम ने किसे अपना वजीर-ए-आजम चुना है। इन चुनावों में पड़ोसी देश की जनता
ने आतंक को सिरे से खारिज कर दिया है।
मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लशकर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद का एक भी
उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया है। उसका खुद का बेटा हाफिज तल्हा और
दामाद खालिद वलीद भी हार गए हैं। सईद ने 265 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे
थे। शुरुआती रुझानों में एक भी सीट पर उसके किसी उम्मीदवार को जीत हासिल
होती नहीं दिख रही है। बता दें कि हाफिज की पार्टी मिल्ली मुस्लीम लीग को
चुनाव आयोग ने मान्यता देने से मना कर दिया था।
मान्यता ना मिलने के बाद हाफिज ने अल्लाह-ओ-अकबर पार्टी के जरिए अपनी
पार्टी के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। रुझानों पर गौर करें तो
पाकिस्तान की जनता ने आतंकी के इरादों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है। यह
उसके लिए किसी तगड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि वह सत्ता हासिल करके
पाकिस्तान पर अपना राज करना चाहता था।
पाकिस्तान के सभी मुख्य दलों के बीच जारी आपसी रस्साकशी को देखते हुए हाफिज
को लग रहा था कि वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से प्रधानमंत्री के दफ्तर
और फिर कुर्सी तक पहुंच जाएगा। वहीं चुनावों में हारने के बाद नवाज शरीफ
की पार्टी पीएमएल-एन चुनाव में धांधली का आरोप लगा रही है। शरीफ के छोटे
भाई और पीएम उम्मीदवार शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया है कि यह चुनाव पाकिस्तान
के इतिहास के सबसे बेईमानी वाले चुनाव हैं। हम इन नतीजों को खारिज करते
हैं।
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पाकिस्तान चुनाव 2018: आतंकी हाफिज के मंसूबे नाकाम, बेटे दामाद समेत सबको मिली हार- pakistan-election-2018-all-candidates-of-hafiz-saeed-loses
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