'मिशनरीज ऑफ चैरिटी' के गैर कानूनी काम का पुख्ता सबूत आया सामने- chhattisgarh-ranchi-missionaries-of-charity

रांची के ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़े होम ‘निर्मल हृदय’ से बच्चों की बिक्री को लेकर हर दिन चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. 'इंडिया टुडे' के हाथ एक ऐसा दस्तावेज लगा है जिससे साफ है कि किस तरह होम में बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं के अभिभावकों से हलफनामा लिया जाता था कि नवजात को जन्म देने के बाद उससे जुड़े सारे अधिकार मिशनरी ऑफ चैरिटी के पास रहेंगे और भविष्य में बच्चे को लेकर किसी भी तरह का दावा मां या उसके किसी रिश्तेदार की ओर से नहीं किया जाएगा. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का हलफनामा लिया जाना पूरी तरह गैर कानूनी है. रांची की समाज कल्याण अधिकारी कंचन सिंह ने 'इंडिया टुडे' से बात करते हुए इस तरह हलफनामा लिए जाने को अवैध बताया. होम की निगरानी में बच्चे को जन्म देने वाली अविवाहित महिलाओं के अभिभावकों से हस्ताक्षर करवा कर जो हलफनामा लिया जाता था, उस पर लिखा है- “मैं श्री/सुश्री/श्रीमति.........अपनी बेटी/बहन/भतीजी/रिश्तेदार.....को मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सिस्टरों के संरक्षण में कुछ दिनों के लिए उसके डिलीवरी (प्रसव) तक रखना चाहता/चाहती हूं. क्योंकि मेरी बेटी/बहन/भतीजी/रिश्तेदार शादी से पहले ही किसी लड़के के साथ गलत कर गर्भवती हो गई. इसलिए वह अपनी पूरी इच्छा से बच्चे को मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सिस्टरों को सदा के लिए सौंप देना चाहती है. हमें भी बच्चा नहीं चाहिए. प्रसव के बाद हम अपनी बेटी/बहन/भतीजी/रिश्तेदार को घर वापस ले जाएंगे. अगर प्रसव या ऑपरेशन के समय मेरी बेटी/बहन/भतीजी/रिश्तेदार के जान पर खतरा हो तो उसकी कोई जिम्मेदारी सिस्टर्स पर नहीं होगी, पर मेरी खुद की होगी.” जाहिर है कि ये हलफनामा खुद ही ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ में बरती जाने वाली अनियमितता को लेकर सबसे बड़ा सबूत है. रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़े होम ‘निर्मल हृदय’ से बच्चों को बेचे जाने के आरोप में होम की एक नन और एक कर्मचारी अनीमा इंदवार को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया.अनीमा इंदवार ने होम से चार बच्चों को बेचे जाना कबूल किया था.
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